कश्मीरी हुर्रियत नेताओं की गंभीर प्रतिक्रिया
श्रीनगर: कश्मीरी आतंकवादियों ने लाहौर आत्मघाती बम धमाकों की पृष्ठभूमि में कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में और किसी भी शक्ल में और किसी भी मुक़ाम पर डरावना है और इस बात पर जोर दिया कि इस संकट से संयुक्त तौर निपटें और इसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने कहा कि लाहौर के गुलशन इकबाल पार्क में कल हुए आतंकवादी हमले की हम निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद चाहे किसी रूप में हो या किसी जगह पर हो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में सार्वजनिक समारोहों(इजतिमाआत) के जगाहों को निशाना बनाया जा रहा है और सामूहिक हत्याएं हो रही हैं और यह सिर्फ आतंकवाद का नतीजा है।
आज के हालात में जबकि आतंकवाद इन्सानियत के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह इस संकट से निपटने के लिए संयुक्त कोशिश करें। उन का यह टिप्पणी काफी एहमीयत का है क्योंकि कश्मीरी अलहिदगी पसंदों को आम तौर पर घाटी या देश के किसी भी स्थान पर आतंकवादी हमलों के बचाव करते देखा गया।
हुर्रियत कान्फ़्रैंस सदर सैयद अली शाह गिलानी ने भी कल हुए इस हमले की निंदा की और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मांग की कि वह जिम्मेदार आतंकवादियों का पता चलाते हुए उन्हें सजा दें। जेकेएलएफ सदर यासीन मलिक ने कहा कि लाहौर में किया गया वहशत नाक हमला इन्सानी दिल और दिमाग़ को झटका दे चुका है। उन्होंने कहा कि इस तरह का हमला करने वालों को इन्सान या एक शहरी समाज का हिस्सा नहीं कहा जा सकता। कश्मीरी जनता ऐसे गंभीर आपराधिक हमले की कड़ी निंदा करते हैं। जेकेएलएफ कार्यकर्ताओं ने इस हमले के खिलाफ विरोध रैली भी आयोजित की।