आतंकवाद फ़ैलाने के इरादे से कर्नल पुरोहित और साध्वी ने बनाया था ‘अभिनव भारत’ नाम का एनजीओ

मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की यहां एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ आतंक फैलाने के मामले में आरोप तय किए।

मामले में 12 मुख्य आरोपियों में से, सात के खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) विधेयक (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय किए गए।

अदालत ने कहा कि आरोपियों ने ‘अभिनव भारत’ नाम का संगठन आतंकवाद फ़ैलाने के इरादे से बनाया था। अदालत ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश और हत्या सहित अन्य अपराधों का आरोप भी तय किया।

पुरोहित और साध्वी के अलावा दूसरे पांच आरोपी रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर चतुर्वेदी हैं। सभी आरोपी इस दौरान अदालत में मौजूद थे।

सभी सात आरोपियों की उपस्थिति में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के विशेष न्यायाधीश विनोद पाडेलकर ने आतंक फैलाने, आपराधिक साजिश रचने और हत्या के लिए यूएपीए और आईपीसी के तहत आरोप तय किए।

29 सितंबर, 2008 को, नासिक जिले के मुस्लिम बहुल मालेगांव में एक मस्जिद के बाहर मोटरसाइकिल में रखे गए बम विस्फोट में कम से कम छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने लगभग 12 लोगों को गिरफ्तार किया था और 2011 की शुरुआत में मामले को एनआईए को सुपूर्द कर दिया गया था।