भोपाल : दीवाली की रात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल से प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के 8 सदस्य फरार हो गए। इसके कुछ देर बाद ही सोमवार सुबह पुलिस ने एक एनकाउंटर में इन आठों को मार गिराया। लेकिन अब एनकाउंटर करने वाली पुलिस को तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
पेश है कुछ कुछ सवाल और ऐसी बातें जिससे साफ ज़ाहिर होती है की ये एनकाउंटर फ़र्ज़ी है जो मीडिया में भी खबरें आयीं : –
पुलिस अधिकारी योगेश चौधरी ने कहा : पुलिस ने उनके पास से चार हथियार बरामद किए हैं जबकि राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विरोधाभासी बयान देते हुए कहा कि संदिग्धों के पास कोई हथियार नहीं थे।
इस वीडियो में दिखायी देता है कि कुछ ही दूरी पर संदिग्ध दिखाई देते हैं। एक आवाज आती है : ‘कंट्रोल! ये पांचों लोग हमसे बात करना चाहते हैं। तीन भागने की कोशिश कर रहे हैं। चलो उन्हें घेर लो!’ इसके बाद गोलियों की आवाज आती है।
वीडियो में एक पुलिसवाला साफ तौर पर एक मरे हुए व्यक्ति पर गोलियां चलाता दिख रहा है, जिसके ठीक पहले उस पुलिसवाले का एक साथी एक अन्य शव की बेल्ट से स्टील प्लेट जैसी कोई चीज निकालता नजर आ रहा है. जब पुलिस वाले को दूसरे शव पर गोलियां दागने को कहा जाता है तो उसे यह कहते हुए इनकार करते सुना जा सकता है कि इसे फिल्माया जा रहा है।
हाई अलर्ट के दौरान 35 आतंकवादियों को रखे जाने वाली जेल की सुरक्षा मात्र 2 सिपाहियों के भरोसे क्यों, कैसे और किसलिए रखी गई?
जेल से फ़रार होने के बाद आतंकवादियों ने 8 से 9 घंटे तक भोपाल के ही नज़दीक रहने का निश्चय क्यों किया? प्रदेश की सीमा से बाहर भागने के लिए 8 से 9 घंटे पूर्णतः पर्याप्त होते हैं.
जेल मैन्युअल के अनुसार किसी भी जेल में आठ से अधिक दुर्दांत अपराधियों को नहीं रखा जाना चाहिए, तो राजधानी की जेल में एक साथ 35 आतंकवादियों को क्यों रखा गया?
अगर अभियुक्तों को भागना था तो रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड की ओर जाना चाहिए था न कि ऐसे इलाके में जो गांव है?
राज्य गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने टीवी चैनल एनडीटीवी को बताया कि क़ैदियों के हाथों में चम्मच और प्लेट्स थीं जिससे उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और भाग गए.
ये बात नई नहीं है कि जेल के भीतर क़ैदी चम्मच और प्लेट को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन फिर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं इसलिए उन्हें गोली मार दी गई.
ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा, “ये मोदी राज है. फ़र्ज़ी एनकाउंटर. फ़र्ज़ी मामले, रोहित वेमुला, केजी बंसल, ग़ायब नजीब, दलितों पर अत्याचार, एबीवीपी की गुंडागर्दी, आरएसएस, गौरक्षक.” वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी एक बेजान शरीर पर गोली दाग रहा है। इसके घंटों बाद के एक और वीडियो से लगता है कि जैसे आत्मसमर्पण के लिए तैयार फरार कैदियों को पुलिसकर्मियों ने मार गिराया।