आदिलाबाद के बौद्ध निर्वाचन क्षेत्र‌ में टी आर एस उम्मीदवार को सार्वजनिक संघर्ष का सामना

हैदराबाद: राज्य‌ में जैसे जैसे चुनावी सरगर्मीयां तेज़ होती जा रही हैं वैसे वैसे उम्मीदवारों की मुश्किले बढ़ रही हैं। ऐसा लगता है कि अब उम्मीदवारों को अपने क्षेत्रो में जाते हुए भी सावधानी से काम लेना पड़ेगा क्योंकि अब उनके झूटे वादों और हथेली में जन्नत दिखाने की रविष के ख़िलाफ़ सवाल करने लगे हैं और उन्हें आईना दिखाया जा रहा है। उनका दामन भी पकड़ने लगे हैं। आदिलाबाद के बोध क्षेत्र‌ में टी आर एस उम्मीदवार पूर्व विधानसभा सदस्य‌ को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा क्योंकि वे अभियान के लिए वहां पहूंचे थे।

जनता के तेवर को देखते हुए उम्मीदवारो को उल्टे पावं वहां से वापिस लौटना पड़ा। इस घटना के बाद टी आर ऐस क्षेत्रो में सनसनी फैल गई और वो अब सोचने पर मजबूर हो गए हैं। जानकरी के अनुसार‌ आदिलाबाद के तमिलनाडू मंडल को चेला पूर गांव‌ में जैसे ही टीआरएस उम्मीदवारऔर पूर्व विधानसभा सदस्य‌ राथोड़ बाबूराव पहूंचे इन्हें जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा।
वो पहले एक मंदिर में दर्शन के लिए गए और फिर जनता के बीच‌ पहूंचे। उनसे जनता ने सीधा सवाल किया कि वो यहां क्यों आए हैं ? ।

उन्होंने पूर्व विधानसभा सदस्य‌ से सवाल किया कि आख़िर उन्होंने इस गावं के लिए क्या-किया है। पहले जो वादे किए गए थे उनको पूरा नहीं किया गया तो फिर वो क्या मुँह लेकर यहां आए हैं ?। राथोड़ बाबू राव ने जनता के बीच‌ जब सरकारी स्कीम‍ और‌ विकास‌ कामों का ज़िक्र शुरू किया तो चंद नौजवान गुस्सा हो गए। नौजवानों के गुस्से को देखकर टी आर एस उम्मीदवार को अपनी भाषण‌ रोकना पडा।

गावं के दूसरे लोग इन नौजवानों को रोकने की बजाय ख़ामोशी से उनका साथ देने लगे। हालात की संगीनी को देखते हुए पूर्व विधान सभा सदस्य‌ उल्टे पावं गावं से निकल जाने ही में भलाई समझने लगे । नौजवानों ने उनसे कई सवालात किए थे और उनके वादे याद दिलाए । नौजवानों का कहना था कि अगर वो वादे पूरे करते तो गावं में उनका प्रतिमा लगाई जाती। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया ।