रांची/जमशेदपुर : लीडर ओपोजिशन हेमंत सोरेन ने कहा है कि रघुवर राज में पहले के तमाम आदिवासी सीएम को बदनाम करने की साजिश की गई है। सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल करते हुए यह प्रचारित किया जा रहा है कि आदिवासी सीएम काबिल नहीं थे। झारखंड बनने के बाद 15 साल में विकास दर बेहतर हुई है, तालीम लेने वालों की तादाद बढ़ी है, गरीबी कम हुई है, बुनियादी काम बहुत हुए हैं। 15 साल में जो भी काम हुए हैं, उसमें रघुवर सरकार की कोई किरदार नहीं है।
जमशेदपुर में जुमा को हेमंत सोरेन ने कहा कि यह नहीं भूलें कि 15 साल में पांच बार भाजपा की सरकार रही है।
शिबू सोरेन तीन बार सीएम जरुर बने हैं, मगर उनका मुद्दत एक साल से भी कम रहा है। वे कितने दिन सीएम रहे हैं? क्या किए? सबको मालूम है। कोशिश हो रही है कि अगर आदिवासी लीडर सीएम बनते हैं, तो वे झारखंड का सही तरक्की नहीं कर पाएंगे।
झारखंड आंदोलन के दौरान झामुमो के एलान ख़त में कुड़मी को SC में शामिल करने की बात थी या नहीं, वे नहीं जानते। पुराने दस्तावेज का अध्ययन करेंगे। फिर कुछ कहेंगे। उन्होंने कहा कि कुड़मी के मुद्दे पर सियासत होती रही है। वे लोग एनेक्सचर दो में थे।
बाहरी लोग झारखंड की सियासत में हावी हो चुके हैं। बाहरी का बहुमत हो जाएगा, तो उन्हीं के लिए मुकामी पालिसी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वे सीएम थे, तो मुकामी पालिसी को आखरी शक्ल दे चुके थे। पूरा खाका तैयार है। मुकामी पालिसी की एलान करते, उसके पहले एसेम्बली इलेक्शन आ गया। खाका तैयार होने के बाद रघुवर सरकार मुकामी पालिसी एलान नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि मुकामी पालिसी के मामले पर आजसू पार्टी कभी रेस नहीं हो सकती।