आधार कार्ड पर इंसान के बजाय कुत्ते की तस्वीर‌

नई दिल्ली, 08 अप्रेल: सरकारी कामों में लापरवाही, तसाहली और ग़लतियों की इस से बदतरीन मिसाल क्या होसकती है कि शहरियों के मुनफ़रिद शनाख़ती कार्ड्स में इंसानों की जगह जानवरों की तसावीर शाय की जा रही हैं। आधार कार्ड को हुकूमत ने मक़बूल आम बनाया है और इसे सरकारी कामों के लिए लाज़िमी शनाख़ती कार्ड का दर्जा दिया है। इस सिलसिले में मुल्क हज़ारों शहरियों को मौसूला आधार कार्ड्स में ये शिकायत पाई गई है, उन की तस्वीर के बजाय कार्ड पर कुत्ते या जानवरों, दरख़्तों, फूलों-ओ-इमारतों की तसावीर हैं।

ऐसा ही एक वाक़िया जुनूबी दिल्ली के 52 साला अशीष कुमार माथुर के साथ पेश आया जिन के आधार कार्ड पर दरख़्त की तस्वीर है। उन्हें हैरानी हुई जब उन्होंने आधार कार्ड का लिफ़ाफ़ा खोला तो उन की तस्वीर ग़ायब है। आधार कार्ड से एक शख़्स को मुनफ़र्द शनाख़ती नंबर देकर कारआमद शनाख़ती सबूत बनाया जा रहा है जो तमाम सरकारी ख़िदमात के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है। आधार कार्ड को पासपोर्ट या अकाउंट‌ के लिए लाज़मी क़रार दिया गया है, लेकिन ऐसा मालूम होता है कि ओहदेदारों के नज़दीक उस की कोई एहमियत नहीं है।

जिस शख़्स का कार्ड है, इस पर इस के नाम और पते के साथ किसी और की तस्वीर शाय हो तो ज़ाहिर होता हैकि इस कार्ड की एहमियत क्या होगी। इसी तरह आन्ध्रा प्रदेश के शहरी एम एस रेड्डी की दुख़तर को भी तल्ख़ तजुर्बा हुआ। उन के कार्ड पर कुत्ते की तस्वीर लगाई गई। उसे देख कर एम एस रेड्डी ने ब्रहमी के साथ अपने ब्लॉग पर तबसिरा किया कि हुक्काम की लापरवाही अफ़सोसनाक है। इस से आधार प्राजेक्ट से मुताल्लिक़ सवालात उठ खड़े होते हैं। हक़ मालूमात क़ानून के जवाब में यूनीक एडंटीफ़िकेशन अथॉरीटी ने बताया कि मुल्क भर में 3,859 आधार मुक्तो बात में इंसान की बजाय जानवरों और दीगर अश्या की तसावीर की शिकायात हैं।

इस के इलावा 14,817 आधार कार्ड्स पर ग़लत अफ़राद की तसावीर शाय हुई हैं। आधार अथॉरीटी ने इन ग़लतियों को सॉफ्टवेय‌र की ग़लती क़रार दिया। कमप्यूटर से ओहदेदार तसावीर का इंतिख़ाब करते हैं इस में दूसरों की तस्वीर चस्पाँ होजाती है। इस अमल को एहतियात से करने की हिदायत दी गई है।