आने वाले दिनों में पाकिस्तान में हो सकती है पानी की किल्लत?

रक्षा बजट पर 9.25 अरब डॉलर खर्च करने वाले पाकिस्तान के पास पानी के हाहाकार से बचने के लिए जरूरी 14 अरब डॉलर नहीं हैं. देश के पास सिर्फ 30 दिन का जल भंडार है. क्या चंदा मांगकर इतनी बड़ी रकम जुटाई जा सकेगी?

एक फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से किसी स्टार्टअप के लिए पैसा मांगना आम बात है. ऐसी क्राउडफंडिंग पाने की कोशिश काफी लोग करते हैं लेकिन सफलता बहुत कम लोगों को ही मिल पाती है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ऐसी ही क्राउडफडिंग के जरिए 14 अरब डॉलर जुटाना चाहते हैं, ताकि नए बांध बनाए जा सकें. अगर वह सफल हुए तो यह इतिहास की सबसे बड़ी क्राउडफडिंग होगी.

देशवासियों से पैसा दान करने की अपील करते हुए इमरान खान ने टेलिविजन पर कहा, “हमारे पास सिर्फ 30 दिन के लिए पानी स्टोर करने की क्षमता है. हमारे ऊपर पहले ही से बहुत ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है और उसे उतारने में ही मुश्किलें हो रही है. हमें खुद बांध बनाने होंगे और हम ऐसा कर सकते हैं.”

पाकिस्तान के लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील को समर्थन किया है. लेकिन 14 अरब डॉलर, यह बहुत बड़ी रकम है. क्राउडफडिंग के लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड 32 दिन में दो करोड़ डॉलर जुटाने का है.

इमरान खान के मुताबिक अगर विदेशों में रहने वाला हर पाकिस्तानी 1,000 डॉलर दान करे तो बांध बनाने के लिए पर्याप्त पैसा इकट्ठा हो जाएगा. लोगों को आश्वस्त करते हुए पूर्व क्रिकेटर ने अपील की, “मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं आपके पैसे की रक्षा करूंगा.”

आलोचक इमरान खान की योजना को ख्याली पुलाव करार दे रहे हैं. पाकिस्तान के मशहूर अंग्रेजी अखबार डॉन के वरिष्ठ पत्रकार खलीक कियानी कहते हैं, “आप क्राउडफडिंग से 14 अरब डॉलर नहीं जुटा सकते. यह व्यवहारिक नहीं है.

हमारे पास ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जब इतने विशाल प्रोजेक्ट के लिए इतनी बड़ी रकम जमा की गई हो.” पाकिस्तान सरकार ने 2018-19 के लिए जो बजट पेश किया है, वह कुल 51.06 अरब डॉलर का है. इसमें से करीब 9.25 अरब डॉलर का रक्षा बजट है.

पाकिस्तान नदियों और ग्लेशियरों से समृद्ध देश है. लेकिन वहां सिर्फ दो विशाल बांध हैं. देश दशकों से जल संकट का सामना कर रहा है. विशेषज्ञों की चेतावनी है कि बढ़ती आबादी के चलते 2025 तक पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचेगा. सरकार इसी मंजर को टालने के लिए दो बड़े बांध बनाना चाहती है.

मोहम्मद बांध पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में बनाने की योजना है. इससे भी बड़ा दियामर-बाशा बांध उत्तर में विवादित कश्मीर के गिलगित बल्तिस्तान में बनाया जाना है.

योजना बीते एक दशक से फाइलों में ही दबी पड़ी है. भारत के साथ सीमा विवाद की वजह से इस प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिलना बहुत ही मुश्किल है. चीन कर्ज दे सकता है लेकिन कर्ज अदायगी की कड़ी शर्तों के चलते इस्लामाबाद बीजिंग से ऋण नहीं लेना चाहता है.