आपके स्मार्टफोन के जीरोस्कोप और प्रोक्सीमिटी सेंसर्स ही सेंधमारी के लिए जिम्मेदार

नई दिल्ली : आपके स्मार्टफोन सेंसर में जो डेटा है, वो हैकर्स तक आपके पासवर्ड और पिन को पहुंचा रहा है. और हैकर्स आसानी से फोन को रिमोर्ट पर लेकर, आपकी आंखों में धूल-झोंक कर आपके सारे राज को बेपर्दा कर रहे हैं.

आपके स्मार्टफोन में जीरोस्कोप और प्रोक्सीमिटी सेंसर्स लगे होते हैं. ये ही सेंसर्स आपके फोन में सेंधमारी के लिए जिम्मेदार हैं. हैकर्स इन सेंसर को हैक करके आपकी सारी जानकारी तक पहुंच जाते हैं. भारतीय मूल के एक साइंटिस्ट ने इस बात का खुलासा किया है. ये साइंटिस्ट सिंगापुर की नायंग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं.

साइंटिस्ट शिवम भसीन का कहना है कि मशीन लर्गिंन एल्गोरिदम और स्मार्टफोन में लगे सेंसर्स की मदद से शोधकर्ता एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स को 99.5 फीसदी एक्यूरेसी के साथ अनलॉक करने में कामयाब रहे हैं. वो भी सिर्फ तीन बार प्रयास के दौरान ही शोधकर्ताओं ने ऐसा कर दिखाया है. दरअसल, सूचना एकत्रित करने के लिए किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन में जो छह अलग-अलग सेंसर लगे होते हैं, वो और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के संयोजन से यह संभव है.

हैकर्स पिन और पासवर्ड का लगा सकते हैं आसानी से पता
भसीन का कहना है कि इससे पहले किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन को क्रैक करने की एक्यूरेसी 74 फीसदी थी. वो भी 50 कॉमन पिन नंबर्स में 74 फीसदी एक्यूरेसी के साथ एंड्रॉयड स्मार्टफोन को हैक किया जा सकता था. लेकिन अब यह बढ़कर 99.5 फीसदी एक्यूरेसी तक पहुंच गई है. यानी अब हैकर्स किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन को 99.5 फीसदी सटीकता के साथ हैक कर सकते हैं. उसके पिन और पासवर्ड का पता लगाकर उसे अनलॉक कर सकते हैं. एनटीयू की तकनीक के जरिए 4 डिजिट के 10,000 संभावित पिन नंबर्स को गेस किया जा सकता है.

यानी हैकर्स आसानी से स्मार्टफोन सिक्योरिटी को ब्रेक कर सकते हैं. चाहे स्मार्टफोन कंपनियां कितनी भी पुख्ता सुरक्षा का दावा क्या करें? एनटीयू के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट और इस शोध का नेतृत्व कर रहे शिवम भसीन का कहना है कि इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन में लगे सेंसर का इस्तेमाल किया. शोधकर्ताओं ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में एक कस्टम एप्लीकेशन इंस्टॉल की और स्मार्टफोन के सेंसर्स के जरिए डेटा कलेक्ट कर लिया.

भसीन का कहना है कि जब कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन में कोई भी नंबर प्रेस करता है, तो फोन डिफरेंट तरह से मूव करता है और सेंसर इस मूव को दर्ज कर लेता है. यानी अगर आप अपने एंड्रॉयड फोन के कीबोर्ड पर 1, 5 और 9 चाहे जो भी नंबर दबाये, फोन में लगा सेंसर इस बात का पता लगा लेगा.

भसीन का कहना है कि अगर आप हैकर्स की नजर से बचना चाहते हैं और अपने फोन को सुरक्षित बनाना चाहते हैं तो 4 डिजिट से ज्यादा का पासवर्ड या पिन का इस्तेमाल करें. आप फोन के एडवांस फीचर्स जैसे ही फेस आईडी तकनीक का इस्तेमाल करके, अपने मोबाइल में पासवर्ड या पिन लगाएं ताकि हैकर्स उसे क्रैक ना कर सकें