आपराधिक मामलों में दोषी नेताओं को किसी भी पार्टी का प्रमुख बनने से कोई नहीं रोक सकता- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। देश में मौजूद तमाम राजनीतिक पार्टियों में शायद ही कोई पार्टी ऐसी होगी, जिसमें आपराधिक छवि वाले नेता ऊंचे पद पर बैठे हों और अक्सर इन मुद्दों को चुनावों से पहले उठाया भी जाता है, लेकिन फिर कहीं ये मुद्दे गायब हो जाते हैं।

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दागी लोगों के राजनीतिक पार्टी बनाने और इसमें कोई पद लेने पर रोक लगाने को लेकर एक याचिका दाखिल हुई।

इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी की है कि आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए लोगों को किसी भी राजनीतिक पार्टी का प्रमुख बनने से कोई नहीं रोक सकता।

शुक्रवार को इस याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.एम. खानविलकर की बेंच ने याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा, ‘कोर्ट किस स्तर तक जा सकता है? इस मामले पर सरकार और संसद को फैसला लेना चाहिए।

क्या हम किसी दोषी व्यक्ति को किसी पार्टी का प्रमुख बनने से रोक सकते हैं? क्या यह स्वतंत्रता पर रोक नहीं होगी? क्या कोर्ट किसी दोषी व्यक्ति को अपने राजनीतिक विचार रखने से रोक सकता है?