आपातकाल के बहाने बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने जहां आपातकाल लगाए जाने को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री की मानव इतिहास के क्रूरतम तानाशाहों में से एक हिटलर से तुलना की है, वहीं केंद्रीय मानव संशाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आपातकाल के अध्याय को विस्तार के साथ पाठ्यक्रमों में शामिल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियां आपातकाल के काले युग को जान सकें, इसके लिए यह जरूरी है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘हमारी पढ़ाई की किताबों में आपातकाल से जुड़े अध्याय और संदर्भ हैं लेकिन हम अपने पाठ्यक्रम में इस बात को भी शामिल करेंगे कि किस तरह आपातकाल के काले युग ने लोकतंत्र को प्रभावित किया। इससे आने वाली पीढ़ियां इसके बारे में जान सकेंगी।’ इससे पहले अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में इंदिरा की तुलना हिटलर से करते हुए लिखा है कि दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाईं। उन्होंने आम लोगों के लिए बने संविधान को तानाशाही के संविधान में तब्दील कर दिया। उन्होंने आगे लिखा है कि हिटलर ने संसद के ज्यादातर विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करवा लिया था और अपनी अल्पमत की सरकार को उसने संसद में दो तिहाई बहुमत के रूप में साबित कर दिया।
बता दें कि इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की आधी रात को देश में आपातकाल लागू कर दिया था। यह 21 मार्च 1977 तक जारी रहा। उस दौरान तमाम विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। प्रेस की आजादी छीन ली गई और नागरिक अधिकारों का खुलकर दमन हुआ। उस दौर को भारतीय लोकतंत्र का काला युग कहा जाता है। तीसरी बार देश में आपातकाल लागू हुआ था। सबसे पहले 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय और 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय देश में आपातकाल लगा था लेकिन 1975 में पहली और आखिरी बार ‘आंतरिक उथलपुथल’ का हवाला देकर आपातकाल थोपा गया था।