मौसमे गर्मा में पीने के पानी की सरबराही को यक़ीनी बनाने के इंतेज़ामात पर ध्यान देने के बजाये महिकमा आबरसानी शहरीयों पर आबरसानी शरहों में इज़ाफे का बोझ डालने का मंसूबा बना रहा है।
इस का दावा हैके इस पर ज़ाइद मालीयाती बोझ पड़ रहा है। दोनों शहरों में पीने के पानी की सरबराही को बेहतर तौर पर अंजाम देने के लिए कृष्णा मरहला सोम प्रोजेक्ट को पूरा करलिया गया उसकी वजह से महिकमा पर ज़ाइद मालीयाती बोझ आइद हुआ।
कृष्णा नदी से 45 एमजी डी पानी हुसूल किया जा रहा है। इस पर आने वाले मसारिफ़ की पा बजाई सारिफ़ीन आबरसानी के बिलों में इज़ाफे के ज़रीये की जाएगी। महिकमा को इज़ाफ़ी शरहों के लिए हुकूमत की मंज़ूरी का इंतेज़ार है।
महिकमा आबरसानी ने हाल ही में घरेलू सारिफ़ीन से 10 रुपये ता 150 रुपये के सर्विस चार्जस लेने शुरू करदिए हैं। इतना ही नहीं बल्कि अब महिकमा ने सारिफ़ीन की जेब से पैसा निकालने की नीयत से दूसरा नया तरीक़ा इख़तियार करने की फ़िक्र कररहा है।
महिकमा आबरसानी हर एक कनेक्शन पर 45 रुपये पंपिंग चार्जस भी वसूल कररहा है। इस बारे में जब सवाल किया गया तो ओहदेदार ने कहा कि तक़रीबन 100 ओवरहेड पानी के ज़ख़ीरा वाले टैंकस हैं। कई मुक़ामात का इसी ज़ख़ाइर आब से अहाता किया जाता है।
बोर्ड को बर्क़ी शरहों की शक्ल में ज़ाइद चार्जस अदा करने पड़ते हैं। बोर्ड का दावा हैके वो फ़ी कीलो लीटर पानी के लिए 3 रुपये चार्ज करता है इस के अलावा सीवरेज का सेस 33 फ़ीसद है। इस पर सर्विस चार्ज कम अज़ कम 45 रुपये होसकता है।