आबिद सुरती: रहिमन ‘पानी’ राखिए, बिन पानी सब सून …

रहीमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून……पानी गए ना ऊबरे मोती मानुष चून…… बरसों पुराना ये दोहा कभी महज उसूल पसंदी से मुतास्सिर लगता था, लेकिन महाराष्ट्र में एक शख़्स आज इस हकीकत को सच्च साबित करने में मसरूफ है।

ज़बरदस्त सूखे की जद में आए महाराष्ट्र में आई पी एल मैचों के इनइक़ाद के हवाले से तनाज़ा पैदा हो गया था। अपोज़ीशन ने हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया है कि इन मैचों के इनइक़ाद के दौरान लाखों लीटर पानी की फुज़ूलखर्ची होगी, वहीं हुकूमत का मौक़िफ़ है कि आई पी एल के ज़रीये हुकूमत को मिल रहे रेवेन्यू से रियासत के अवाम को ही फ़ायदा होगा। मुख़ालिफ़त और सियासत के इस शोर शराबे के दरमयान, महाराष्ट्र में एक शख़्स ऐसा भी है, जो पानी की एक – एक बूँद को बचाने की जंग बरसों से ख़ामूशी से लड़ रहा है. बात हो रही है कार्टूनिस्ट, मुसव्विर, और मुसन्निफ़ आबिद सुरती की।

वन मैन आर्मी
मुंबई के मीरा रोड इलाक़े में हर संडे आबिद सुरती एक पलम्बर को लेकर लोगों के दरवाज़े पर जाते हैं और उन के घर में लीक हो रहे पानी टेप(नल) को मुफ़्त में ठीक करते हैं. वो इन टैपों में लगे रबड़ गेस्केट रिंग को तबदील करके ये यक़ीनी बनाते हैं कि पानी लीक हो कर बरबाद ना हो। इस मक़सद से बनाए गए अपने एन जी ओ को उन्हों ने नाम दिया है ड्राप डैड, जिस की टैग लाईन है: सेव एवरी ड्राप और ड्राप डैड. आबिद सुरती की टीम में फ़िलहाल एक पलम्ब्बर के इलावा एक वॉलनटियर भी है, जिस का काम घरों में जा कर पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मालूमात और शउर बेदार करना है।
एक अंदाज़े के मुताबिक़, आबिद ने अभी तक अपनी मुहिम से क़रीब 55 लाख लीटर पानी बरबाद होने से बचाया है।

ऐसे मिली तरगीब
आबिद सुरती के मुताबिक़, उन का बचपन पानी की क़िल्लत के दरमयान गुज़रा. साल 2007 में वो अपने दोस्त के घर बैठे थे कि उन की नज़र अचानक एक लीक करते पानी के टेप पर पड़ी. जब उन्हों ने इस तरफ़ अपने दोस्त की तवज्जा दिलाया, तो आम लोगों की तरह ही उस ने इस बात को कोई ख़ास तवज्जा नहीं दी. इस दरमयान आबिद ने कोई मजमून पढ़ा, जिस के मुताबिक़, अगर एक बूँद पानी हर सेकण्ड बर्बाद होता है, तो हर माह तक़रीबन 1 हज़ार लीटर पानी बरबाद हो जाता है। यहीं से शुरूआत हुई एक नए आईडीया की। पहली दिक़्क़त आई प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए रक़म की, लेकिन इसी दौरान उन्हें हिन्दी-अदब के इदारे यू पी की जानिब से 1 लाख रुपये का इनाम मिला. इस के बाद शुरू हुआ आबिद का मिशन जो आज भी जारी है।

लोग हुए मुरीद
मार्च 2008 में वॉटर कंसरवेशन पर फ़िल्म बना रहे फिल्ममेकर शेखर कपूर ने अपनी वेबसाइट पर आबिद की दिल खोल कर तारीफ़ की. मीडीया में आबिद के काम का ज़िक्र शुरू हो चुका था, फ़िल्म स्टार शाहरुख ख़ान ने भी उन के बारे में पढ़ा और आबिद के काम के मुरीद हो गए. एक नियूज चैनल ने उन्हें ‘बी दी चेंज’ ऐवार्ड से भी नवाज़ा. किसी किस्म की लामलाइट में रहना कम पसंद करने वाले आबिद कहते हैं, वॉटर कंसरवेशन की जंग कोई भी अपने इलाक़े में लड़ सकता है. सत्तर की दिहाई में जब आबिद ने फेमस कार्टून कैरक्टर बहादुर को जन्म दिया, तब शायद ही उन्हों ने सोचा होगा कि ये एक दिन उन्ही के काम का मुतबादिल बिन जाएगा (अभिषेक भट्टाचार्य)