आबी ज़ख़ाइर में कमी से फसलों को नुक़्सान

रबी के सीज़न में फसलों को पानी ना मिलने से सूख रहे हैं बोरवेलस में भी दिन बह दिन आबी ज़ख़ाइर में कमी होने से किसानों में तशवीश पाई जाती है।

रबी सीज़न में धान की काशत ना करके महिकमा ज़राअत ओहदेदारों के मश्वरे पर अनाज की दूसरे फ़सलें मकई ज्वार चना दालें सूरजमुखी तरकारियां काशत कररहे हैं। मंडल लिंगमपेट के केंडापुर भवानीपेट ममबाजीपेट जल्दीपल्ली बोनाल बानापुर सत्तापुर मोथा गांधीनगर पोलकमपेट पोताईपल्ली को मिटपल्ली कनापुर कनचल कोरपल अलार्म लिंगमपल्ली सोराईपल्ली मवाज़आत में किसान इन ही फसलों की काशत कररहे हैं।

पिछ्ले साल बारिश बहुत कम होने से और इस गर्मतरीन मौसम के साथ ज़र-ए-ज़मीन आबी ज़ख़ाइर में काफ़ी कमी महसूस की जा रही है जिस का शायद शदीद असर अने वाले दो माह में कसरत से महसूस होगा।

फसलों को तबाह होते देख कर किसान के चेहरे पर मायूसी है। मंडल में 1250 हेक्टरस पर मकई 755 हेक्टरस प्रधान 125 हेक्टरस पर चना 60 हेक्टरस पर ज्वार40 हेक्टरस पर तेल65 हेक्टरस पर दालें और 80 हेक्टरस पर तरकारियां काशत की जा रही हैं। मंडल में 5400 बोरवेलस हैं लेकिन मंडल के तालाब कनटा नदी ख़ुशक होजाने से आब के ज़ख़ाइर काफ़ी कम होरहे हैं जिस से हाथ आई फ़सल नुक़्सान के दहाने पर है ।

ख़रीफ़ में बारिश ना होने से येल्लारेड्डी लिंगमपेट गंधारी ताड़वाई सदासेवनगर नागी रेड्डीपेट में फ़सलें सूख रही हैं। येल्लारेड्डी हलक़ा के तमाम मंडलों पर पिछ्ले साल औसत से भी बहुत कम बारिश रिकार्ड होने से ज़र-ए-ज़मीन आबी ज़ख़ाइर पर इस का असर गहिरा पड़ा है।

इस के साथ साथ शिद्दत की गर्मी चंद बाक़ी आबी ज़ख़ाइर को ख़ुशक करने लगी है। बर्क़ी होने पर किसानों को बोरवेलस से आबी सरबराही मुम्किन थी लेकिन इस मर्तबा बर्क़ी सरबराही होने के बावजूद फ़सीलें को पानी नहीं मिल रहा है। जिस की-ओ-जा से किसानों में तशवीश पाई जा रही है। ज़र-ए-ज़मीन आबी ज़ख़ाइर की होरही कमी आम ज़िंदगी पर भी असरअंदाज़ होसकती है। आबी इस्तेमाल में हर फ़र्द को एहतियात से काम लेना ज़रूरी है ये एक एसी नेमत है जिस का अंदाज़ा नामुमकिन है इस लिए पानी का क़दर वक़्त का तक़ाज़ा है।