बीदर,22 जनवरी : हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)की आमद से अरब और दुनिया से जहालत की तारीकी ख़त्म हुई और तौहीद का बोल बाला हुआ। मुफ़्ती मुज़फ़्फ़र हुसैन नूरी गुलबर्गा शरीफ़ ने कादरिया पूरा गोला ख़ाना में मुनाक़िदा जलसा मीलादुन्नबी को मुख़ातब करते हुए इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्होंने अपने ख़िताब में कहा कि सरवर-ए-कायनात नूरी बशर हैं। जनाब सय्यद ज़ुल्फ़क़ार हाश्मी साबिक़ रुकन एसेम्बली बीदर ने अपने ख़िताब में उलमाए दीन के सामने तजवीज़ रखी कि वो मादरी ज़बान उर्दू के साथ साथ दीगर ज़बानों की तालीम भी दें ताकि वाज़-ओ-नसीहत दीगर अब्ना-ए-वतन तक भी पहुंच सके।
उन्होंने बताया कि ख़ानक़ाहे निज़ाम में बिला लिहाज़ मज़हब-ओ-मिल्लत लोग इस्लाम की तालीमात हासिल करते थे। इतना ही नहीं वो इस्लाम क़बूल भी करते थे। जनाब मुहम्मद रफ़ीउद्दीन नूरी सदर मर्कज़ी तंज़ीम अहलेसुन्नत-ओ-जमात बीदर और दीगर मुक़र्रिरीन ने मुख़ातब किया।जनाब शाह शमसुद्दीन कादरी अलमुलतानी सज्जादा नशीन ख़ानक़ाहे हज़रत महबूब सुबहानी ख़ुर्द ने निगरानी की रियाज़ ख़ान रज़वी ने निज़ामत की।