बी जे पी की हलीफ़ जमात शिवसेना ने आज एक अहम बयान जारी करते हुए कहा कि आम आदमी को ट्रेन के नीचे रौंद दिया गया है। शिवसेना का इशारा दरअसल ट्रेनों के किरायों में हालिया बेतहाशा इज़ाफ़ा की जानिब था।
शिवसेना के तर्जुमान अख़बार सामना में तहरीर करदा ईदारिया में पार्टी ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत ने ट्रेन किरायों में इज़ाफ़ा करके अपोज़ीशन के हाथ में हथियार दे दिया है। रेलवे मिनिस्टर स्वानंद गौड़ा ने वज़ारत की ज़िम्मेदारी सँभालते ही आम आदमी को ज़बरदस्त झटका दिया।
ट्रेन के किरायों में बेतहाशा इज़ाफ़ा करते हुए दरअसल उन्हें ट्रेन के नीचे रौंद दिया गया है। अवाम ने बढ़ती हुई क़ीमतों में इज़ाफ़ा से तंग आकर नरेंद्र मोदी हुकूमत को इक़तिदार की दहलीज़ तक पहुंचाया। मुसाफ़िर किरायों में 14.2 फ़ीसद और माल बर्दार किरायों में 6.5 फ़ीसद का इज़ाफ़ा किया गया है लेकिन मुंबई में मज़ाफ़ाती ट्रेनों में सफ़र करने वालों को सद फ़ीसद इज़ाफ़ा का सामना करना पड़ेगा।
अगर यही इज़ाफ़ा कांग्रेस की जानिब से होता तो वही लोग जो उस वक़्त इक़तिदार पर फ़ाइज़ हैं, कांग्रेस पर तन्क़ीद करने का कोई मौक़ा हाथ से जाने नहीं देते। अदारीए में मज़ीद तहरीर करते हुए शिवसेना ने ये भी कहा है कि अब नई हुकूमत को अपनी कारकर्दगी में बेहतरी पैदा करनी चाहिए और ख़ुद अपना गौर भी करना चाहिए कि किस तरह कांग्रेस हुकूमत पर इस ने तन्क़ीदों के तीर बरसाए थे।
ख़ुसूसी तौर पर वज़ारत रेलवे की कारकर्दगी को बेहतर बनाने की ज़रूरत है। हुकूमत ने ये नज़रिया पेश किया है कि महिकमा रेलवे को सालाना 28000 करोड़ रुपये के घाटा का सामना है और किरायों में इज़ाफ़ा मुसाफ़िरों को बेहतर सेक्यूरिटी और आराम फ़राहम करने की ग़रज़ से से किया गया है जबकि शिवसेना ने ये ख्याल भी किया कि वज़ारत रेलवे में में बदउनवानियों का भी बोल बाला है।
कांग्रेस के पी के बंसल का रिश्तेदार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार किया गया और रेलवे टेंडर्स की कमीशन के बदले हवालगी अमल में आती थी। रेलवे मिनिस्टर अवाम को जवाबदेह हैं कि रेलवे के फंड्स किस तरह रेलवे की कारकर्दगी में बेहतरी पैदा करने इस्तिमाल किए जाते हैं। अवाम अब ये उम्मीद करते हैं कि किरायों में इज़ाफ़ा वज़ारत रेलवे का आख़िरी इज़ाफ़ा होगा।