आम आदमी तो क्या पार्टी मेंबरों को भी भूल गए केजरीवाल

वो कभी किसानों के साथ हमदर्दी जताते हैं कभी आम जनता के साथ बैठ कर धरना देते हैं और कभी सैंडिल पहनकर राष्ट्र्पति भवन डिनर पर पहुँचते हैं। साहब खुद को आम आदमी बताते हैं लेकिन आदतों से वह देश के बाकी नेताओं से मेल खाते हैं।

जी हाँ! यहाँ बात हो रही है देश के आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जो मुख्यमंत्री बनने से पहले आम आदमी थे और अब ख़ास बनने के बाद हर ख़ास आदमी की तरह अपने उन साथियों को भूल गए हैं जिन्होंने उन्हें और उनकी पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया।

ये किस्सा है मोहम्मद कलीम का जिन्होंने आम आदमी पार्टी के नारे और नेता से प्रभावित होकर पार्टी के लिए जी जान से काम किया और पार्टी के फॉउंडिंग मेंबर भी बने। मोहम्मद कलीम की उम्र महज 32 साल है और सादी ज़िंदगी जीने वाले कलीम पर कुदरत का कहर इस कदर बरपा कि इस शख्श की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं।

पिछले साल इन्हीं दिनों आम आदमी पार्टी के दीवाने कलीम ने पार्टी का साथ हर उस मुकाम पर दिया जहाँ भी पार्टी को उनकी जरुरत थी। इलेक्शन के दिनों 24 घंटे गला फाड़-फाड़ कर ‘5 साल केजरीवाल’ का नारा देने वाले इस मेंबर का हाल पूछने के लिए न तो खुद केजरीवाल और न ही उनकी पार्टी के किसी और नेता ने खबर लेने की कोशिश की है।

आज की तारीख में हालात यह हैं कि कलीम को हफ्ते में 3 बार डाइलिसिस की ज़रूरत है। डॉकटरों की राय है की कलीम की किडनी बदली जाए लेकिन फिलहाल किडनी डोनर मिला नहीं है | बीती रात तबीयत खराब होने की वजह से दोस्तों ने उसे अपोलो अस्पताल में दाखिल करा दिया। लेकिन हॉस्पिटल और दवाइयों का खर्च उठाने में कलीम असमर्थ है क्युकि पार्टी के लिए दिन रात काम करने वाला यह शख्श अपना खुद का धंधा चौपट कर चुका है। ऐसे में जिस पार्टी को सत्ता में लाने के लिए करीम ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया ने भी कलीम की इस हालात को देखकर उससे आँखें फेर ली हैं लअपने इलाज के पिछले साल जुलाई महीने से आम आदमी पार्टी दिल्ली के प्रेसीडेंट दिलीप पांडे से लगातार गुज़ारिश कर रहे कलीम और उसके दोस्तों को हरेक ने इस दरवाज़े से उस दरवाज़े पर टरका दिया लेकिन मदद के नाम पर सिर्फ़ दिलासा ही मिला। आज की तारीख में जब ज़िन्दगी और मौत के बीच की लड़ाई लड़ रहा है और इलाज़ के लिए पैसे पैसे का मोहताज हो चूका है तो पार्टी के नेता उसका फोन उठाने को भी तैयार नहीं हैं ।

हालांकि आम आदमी पार्टी को कलीम के इलाज का पूरा खर्चा उठाना चाहिए लेकिन पार्टी अपनी इस ज़िम्मेवारी से बचती आ रही है। ऐसे में कलीम के दोस्तों ने पार्टी इस रवैय्ये को बदलने के लिए और अपने साथी की ज़िन्दगी बचाने के लिए अरविन्द केजरीवाल के दरवाज़े पर भूख हड़ताल कर धरना देने का फैसला किया है। कलीम के दोस्तों का मानना है कि ज़िंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ है लेकिन कलीम को बिना इलाज के नहीं मरने दिया जाएगा।