नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के रुकन असेम्बली अखिलेश त्रिपाठी की आज एक मुक़ामी अदालत ने ज़मानत मंज़ूर कर दी जब कि साल 2013 के बलवा और धौंस-ओ-धमकी केस में अदालत में हाज़िरी की हिदायत को नज़रअंदाज करने पर कल गिरफ़्तारी के बाद उन्हें अदालती तहवील में देदिया गया।
मेट्रोपोलिटेन मजिस्ट्रेट कपील कुमार ने 10 हज़ार रुपये का शख़्सी मुचल्का पेश करने पर त्रिपाठी को रिहा कर दिया। दिल्ली में मॉडल टाउन हलक़ा से मुंतख़िब त्रिपाठी ने कल शाम दरख़ास्त ज़मानत दाख़िल की थी । जब कि अदालत ने कल कहा था कि त्रिपाठी ने आज़ादी ज़मानत का बेजा इस्तेमाल किया है और उन्होंने अदालती अहकामात का एहतेराम नहीं किया और ये हिदायत दी थी कि उन्हें हिरासत में ले लिया जाये ताकि अदालत में हाज़िरी और केस की आजलाना समात को यक़ीनी बनाया जा सके।
अदालत ने 23 नवंबर को त्रिपाठी के ख़िलाफ़ नाक़ाबिल ज़मानत वारंट जारी किया था जिसकी तामील में नाकामी के बाद उन्हें गिरफ़्तार करलिया गया था वो हुक्मराँ जमात के पांचवें रुकन असेम्बली हैं जिन्हें अदालत में हाज़िर ना होने पर हिरासत में ले लिया गया।