नई दिल्ली: राजस्व विभाग ने कर आकलन की प्रक्रिया को और तेज बनाने के लिए यह प्रस्ताव रखा है कि जो भी करदाता आयकर रिटर्न और संशोधित रिटर्न आकलन वर्ष में मार्च के अंत तक जमा नहीं करेगा, उस पर जु्र्माना लगाया जाए. जिन की आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, उन पर देरी से टैक्स जमा करने की स्थिति में 1000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसी तरह अगर पांच लाख रुपये से अधिक आय वाला निर्धारित आकलन वर्ष में तय समय जुलाई के बाद व 31 दिंसबर तक रिटर्न दाखिल करता है तो 5000 रुपये का जुर्माना शुल्क लगाने का प्रस्ताव है. वहीं दिसंबर के बाद आईटीआर दाखिल करने पर 10,000 रुपये के शुल्क का प्रस्ताव है.
वन इंडिया के अनुसार, वित्त विधेयक 2017 के ज्ञापन के अनुसार जिन करदाताओं की आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, उन पर देरी से टैक्स जमा करने की स्थिति में 1000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसी तरह अगर पांच लाख रुपये से अधिक आय वाला निर्धारित आकलन वर्ष में तय समय जुलाई के बाद व 31 दिंसबर तक रिटर्न दाखिल करता है तो 5000 रुपये का जुर्माना शुल्क लगाने का प्रस्ताव है. वहीं दिसंबर के बाद आईटीआर दाखिल करने पर 10,000 रुपये के शुल्क का प्रस्ताव है.
आपको बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पेश करते हुए ही आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी करने वालों पर सरकार की तरफ से सख्ती किए जाने के संकेत दिए थे.