आयशा नूर के ज़ज्बे को सलाम :

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जज्बा हो तो तमाम मुश्किलों से जीता जा सकता है। मुश्किलों का पहाड़ पलक झपकते ही राई बन सकता है और आप राई से पहाड़। इस बात को साबित कर दिखाया है कोलकाता की आयशा नूर ने। उन्हें मिर्गी की बीमारी थी।

गरीबी से तो जूझ ही रहा था उनका परिवार। बावजूद इस परिवार का हौसला पस्त नहीं हुआ और उन्होंने अपनी बेटी को कराटे का ट्रेनिंग दिलवाया। घर की उम्मीदों पर आयशा बिल्कुल सही उतरीं और पा लिया ब्लैक बेल्ट।

कराटे चैंपियन बनकर उसने दूसरी महिलाओं को हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए मिसाल पेश कि और देने लगीं औरों को ट्रेनिंग । कोलकाता की झुग्गी-बस्ती की 19 साला इस लड़की के तेवर की कहानी नीदरलैंड के डायरेक्टर कोएन सुदीगीस्ट तक भी पहुंची।

और अब उनका एक दल बेनिअपुकुर की झुग्गी-बस्तियों में ‘गर्ल कनेक्टेड’ की शूटिंग कर रहा है।
19 साल की ब्लैक बेल्ट आयशा नूर यहीं रहती हैं। अमेरिका के इंडिपेंडेंट टेलीविजन सर्विस की ओर से बनाया जा रहा यह एक घंटे का डॉक्युमेटरी वीमन एंड गर्ल्स लीड ग्लोबल की पहल है।