नई दिल्ली: कुछ दिन पहले आरटीआई के तहत मुसलमानों को बतौर योगा टीचर नहीं रखने की बात का खुलासा होजाने पर देश का आयुष मंत्रालय अब अपनी गलती सुधारने के लिए जहाँ झूठी सच्ची कहानियाँ बनाने में लगा हुआ है वहीँ वहीँ आरटीआई दाखिल कर जानकारी मांगने वाले जर्नलिस्ट पुष्प शर्मा ने मंत्रालय की बात को सिरे से नकारा है।
पुष्प शर्मा ने कहा है कि सरकार अब चाहे अब इस बात क कितना भी छुपाने की कोशिश करे लेकिन उनके पास सारे सुबूत हैं कि आर.टी.आई के जरिये उन्हें वही जवाब मिला था जो उन्होंने दिल्ली की मश्हूर अखबार “द मिली गजट” में दाखिल करवाया है। अपनी बात कहते हुए शर्मा ने कहा कि उनके पास सारे जवाब जो आर.टी.आई के संबंध में मिले हैं और यहाँ तक कि वह लिफ़ाफ़े जिनमें यह जवाब उन्हें भेजे गए हैं वह भी मौजूद हैं।
आपको बता दें की पिछले साल अक्टूबर के महीने में शर्मा को एक आर टी आई के जवाब में यह कहा गया था कि मोदी सरकार ने इंटनेशनल योग दिवस के लिए किसी भी मुस्लिम इंस्ट्रक्टर/ टीचर को योग सीखाने के लिए न तो इवेंट में बुला रही है न ही कहीं देश के बाहर भेज रही है। जब यह बात मीडिया में सामने आई तो सरकार ने शर्मा पर ही इलज़ाम लगा दिया कि वो सरकार को बदनाम करने की साजिश में जुटे हुए हैं। यहाँ तक कि आयुष मंत्रालय के मंत्री नाईक ने तो इसकी निंदा करते हुए यह भी कह दिया था कि हम इस साजिश की जांच करवाएंगे।