सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने आज यहां संकेत दिया कि आरएसएस-भाजपा के हाथों में भारत फासीवाद की ओर बढ़ रहा है। उनकी यह राय अपनी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी प्रकाश करात से अलग है, जो महसूस करते हैं कि देश फासीवादी राज्य नहीं बन सकता है।
येचुरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा आरएसएस की राजनैतिक शाखा के तौर पर काम करती है। आरएसएस का फासीवादी एजेंडा है और फासीवादी एजेंडा भारतीय धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक संवैधानिक गणराज्य को बदलकर अपने ‘हिंदू राष्ट्र’ में तब्दील करने का प्रयास करने का है। इसके हम विरोधी हैं। हम इसका विरोध जारी रखेंगे।’’ येचुरी ने कहा, ‘‘इसलिए यह फासीवादी राज्य नहीं है लेकिन फासीवाद की तरफ बढ़ रहा है। वे ऐसा करना चाहते हैं। ऐसा हम नहीं होने देंगे।’’ इससे पहले, हाल में एक अंग्रेजी दैनिक में अपने लेख में करात ने कहा था कि फासीवादी शासन स्थापित होने के लिए भारत में फिलहाल दशा मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ‘निरंकुशवाद’ दर्शा रही है, लेकिन ‘फासीवाद’ नहीं है।
पार्टी की केंद्रीय समिति की यहां तीन दिवसीय बैठक के बाद आज संवाददाताओं से बातचीत में येचुरी ने कहा कि फासीवाद का मतलब संसदीय लोकतंत्र की जगह खुली तानाशाही स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि यह भारत में नहीं हुआ है।उन्होंने कहा कि ‘फासीवाद के खतरे’ से हर स्तर पर अवश्य लड़ा जाना चाहिए।