आरडीएक्स से बनाये गये थे बम

सीरियल बम धमाके की पोल खुलती ही जा रही है। तहक़ीक़ात में पता चला है कि बम बनाने में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। इसे जिलेटिन पाइप में भरा गया था। जिलेटिन, आरडीएक्स और डेटोनेटर का इस्तेमाल कर बम को ताकतवर बनाया गया था। अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जिलेटिन और आरडीएक्स राजस्थान से लाया गया था।

जिलेटिन पाइप पर राजस्थान दर्ज़ था। बमों में लगायी गयी घड़ियां कोलकाता और गुवाहाटी से लायी गयी थीं। इसी तरह के बम का इस्तेमाल जुनूबी भारत के एक थाने को उड़ाने में किया गया था। बम में इस्तेमाल किये गये आरडीएक्स की सलाहियत की तहक़ीक़ात की जा रही है। एफएसएल की टीम इस बात की तफ़सीश में लगी है कि बम के अंदर कितना आरडीएक्स डाला गया था। बोधगया महाबोधि मंदिर में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल सिलिंडर बम बनाने में किया गया था।

डेढ़ इंच की कांटी और छर्रा का भी किया इस्तेमाल
दहशतगर्दों ने लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। धमाके के साथ उसमें डेढ़ इंच की कांटी और र्छेर्रे का भी इस्तेमाल किया गया था।

सीरीज में थे दो बम
पटना जंकशन पर एक बम धमाका होने के बाद बम स्क्वायड की टीम जब जाये हादसा पर पहुंची, तो दूसरे बम को गैर फ़आल करने की कोशिश में जुट गयी। इसमें सीरीज में दो बम एक साथ जुड़े थे, जिसके वजह से गैर फ़आल करने के दौरान ब्लास्ट कर गया। इसमें बम स्क्वायड के नवीन कुमार साह जख्मी हो गये थे।