नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने नोटबंदी के बाद देश में बने हालात से अपमानित महसूस कर रहे हैं. कर्मचारियों ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को इस सदर्भ में चिट्ठी लिखकर अपना विरोध जताया था. बता दें कि आरबीआई कर्मचारियों की इस चिट्ठी में नोटबंदी की प्रक्रिया के परिचालन में कुप्रबंधन और सरकार की तरफ से करंसी को-ऑर्डिनेशन के लिए एक अफसर को अप्वाइंट करने का विरोध किया गया है.
नेशनल दस्तक के अनुसार, आरबीआई गवर्नर को लिखी गई इस चिट्ठी में ऑल इंडिया रिजर्व बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन के समीर घोष, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन के सूर्यकांत महादिक, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीएम पॉलसिल और आरबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन के आरएन वत्स के हस्ताक्षर हैं. वहीं ऑल इंडिया रिजर्व बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के समीर घोष ने चिट्ठी लिखने की पुष्टि करते हुए कहा है कि हमने उर्जित पटेल से अपील की है कि वह आरबीआई की स्वायत्तता को सुरक्षित रखें और आरबीआई में वित्त मंत्रालय के दखल को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाए.
बता दें कि कर्मचारियों की इस चिट्ठी में बताया गया है कि नोटबंदी की प्रक्रिया में हुए कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को इतना नुकसान पहुंचा है कि इसे दुरूस्त करना काफी मुश्किल है. इसके अलावा कर्मचारियों ने मुद्रा प्रबंधन के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को लेकर आरबीआई में अतिक्रमण बताया है.
वहीँ यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड इम्पलाइज की इस चिट्ठी में कहा गया कि, रिजर्व बैंक की दक्षता और स्वतंत्रता वाली छवि उसके कर्मचारियों के दशकों की मेहनत से बनी थी, लेकिन इसे एक झटके में ही खत्म कर दिया गया.