इराक में इंतेहा पसंद तंज़ीम इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल होकर अपने मुल्क हिंदुस्तान वापस लौटे नौजवान आरिफ मजीद को यहां की एक खुसूसी अदालत ने आठ दिसंबर तक क़ौमी जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया |
महाराष्ट्र के कल्याण के साकिन 23 साला मजीद जुमे के रोज़ को एक तैय्यारे ( हवाई जहाज़) से तुर्की होते हुए हिंदुस्तान पहुंचा था, जिसके बाद खुफिया ओहदेदारों ने उसे पकड़ लिया था और पूछताछ के लिए उसे कहीं खुफिया मुकाम पर ले गए थे|
मजीद मई में ठाणे के अपने दिगर तीन साथियों -शमीम तंकी, अमन तंडेल तथा फहद शेख- के साथ लापता हो गया था|
एनआईए ने जुमे की रातरात उसे गिरफ्तार कर लिया था और उसे हफ्ते के रोज़ एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 10 दिनों के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया|
इसी साल मई में चारों नौजवान दरगाह की तीज़ारत करने का बहाना बनाकर गैर मुल्क गए थे, लेकिन काफी दिनों बाद पुलिस और उनके खानदान् वालों को पता चला कि वे मुबय्यना तौर पर इराक गए हैं, जहां वे आईएस में शामिल हो गए हैं|
गुजश्ता 26 अगस्त को मजीद के घर वालों ने तंकी से यह खबर पाये थे कि आईएस के साथ लड़ने के दौरान आरिफ मारा गया है, जिसके बाद उन्होंने उसका आखिरी रसूमात अदा कर दिया|
दो महीने पहले आरिफ के घर वालों को मालूम चला कि हकीकत में आरिफ लड़ाई के दौरान ज़ख्मी हो गया था और वहां से भाग कर तुर्की चला गया था, जहां से वह तैय्यारे से जुमे के रोज़ सुबह 5.15 बजे मुंबई पहुंचा|
इन नौजवानो के अचानक गायब होने, उनके आखिरी मंज़िल का मुकाम, और बाद में आरिफ की मौत की खबर ने हिंदुस्तानी सियासत तथा सेक्युरिटी सुरक्षा हलकों में सनसनी पैदा कर दी थी|
इससे पहले, उनके खानदान वालों ने उन्हें वापस लाने के लिए मरकज़ी हुकूमत से गुहार लगाई थी|