आरूशी के माँ बाप के ख़िलाफ़ चार्ज शीट को सीनियर आफ़िसरान ने रोक दिया

क़ाज़ीयाबाद, 23 अप्रैल: आरूशी हेमराज सनसनी खेज़ क़त्ल केस की तहक़ीक़ात करने वाली सी बी आई टीम उस लड़की (आरूशी) की माँ नूपूर और बाप राजेश तलवार के इलावा दीगर दो के ख़िलाफ़ चार्ज शीट पेश करना चाहती थी, लेकिन सीनियर आफ़िसरान ने केस ख़त्म करने से मुताल्लिक़ क़तई रिपोर्ट दाख़िल करने की हिदायत की थी क्योंकि वो ये महसूस कर रहे थे कि तहक़ीक़ात के लिए ख़ातिरख़्वाह मवाद दस्तियाब नहीं है।

इस बात का इन्किशाफ़ तहक़ीक़ात की क़ियादत करने वाले एक अफ़्सर ने आज यहां अदालत में किया। एडीशनल सुपरिंटेंडेंट पुलिस ए जी एल कोल ने जिन पर वकील सफ़ाई ने जरह की, कहा कि उन के पास राजेश तलवार के भाई दिनेश और इस ख़ानदान के एक दोस्त सुनील चौधरी के ख़िलाफ़ चार्ज शीट पेश करने के लिए ख़ातिरख़्वाह सुबूत मौजूद थे। अदालत की तरफ़ से सवाल किए जाने पर कोल ने जवाब दिया कि केस डायरी में मुल्ज़िमीन नूपूर और राजेश तलवार, डा. दिनेश तलवार और डा. सुनील चौधरी के ख़िलाफ़ चार्ज शीट पेश करने के लिए मैंने सिफ़ारिश की थी, लेकिन मेरे सीनियर आफ़िसरान नीलभ किशवर और जावेद अहमद ने महसूस किया कि चार्ज शीट पेश करने के लिए ख़ातिरख़्वाह मवाद नहीं है चुनांचे मुझे क़तई (तहक़ीक़ात बंद करने की) रिपोर्ट पेश कर देनी चाहिए।

कोल ने कहा कि ये कहना ग़लत हैकि मुल्ज़िम अफ़राद ने आरूशी और हेमराज का क़त्ल नहीं किया था, और ना ही उन्होंने हेमराज की नाश को खींचते हुए इमारत की छत पर डाल दिया था। ये कहना भी ग़लत हैकि 15 और 16 मई 2008‍ की दरमियानी शब दोनों मुल्ज़िमीन रात भर सोते रहे।