वज़ीरे आला जीतन राम मांझी ने अपने तक़रीर में कहा कि बराबर जाब्ता एखलाक क़ानून लागू करने और आर्टिकल 370 हटाने की बात करनेवाले गद्दार हैं।
ये बातें वज़ीरे आला ने सहाफ़ियों को खिताब करते हुए कही। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर पूछे जाने पर वज़ीरे आला ने कहा कि तमाम मज़हब के लोगों की अपनी-अपनी नियम है। किसी के मज़हब में दखल देना उनके हक़ का खिलाफवर्ज़ी है। मांझी ने सरदार पटेल का जिक्र कर उन्हें शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि यहां इत्तिहाद है और एक सामान जाब्ता एखलाक क़ानून और दफा 370 हटाने से इत्तिहाद की बुनियाद चरमरा जायेगी।
सूबे के सरकारी स्कूलों से बेहतर पढ़ाई कम संसाधनों वाले प्राइवेट स्कूल में होती है। यहां तक कि सरकारी स्कूलों के असातिज़ा भी अपने बच्चों का दाखला प्राइवेट स्कूलों में कराते हैं। लेकिन जिस दिन ये असातिज़ा अपने बच्चों का दाखला सरकारी स्कूलों में कराने लगेंगे, उस दिन से सरकारी स्कूलों की तालीमी निज़ाम भी सुधर जायेगी। ये बातें सूबे के मुखिया जीतन राम मांझी ने कही।
वे सनीचर को मुक़ामी तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट में मदरसों में ज़दीद तालीम का इम्पोर्टन्ट्स् और कामयाबी के मौजू पर मुनक़्क़िद एक रोजा सेमिनार को खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रियासत सरकार सूबे की तालीम के लिए कुल बजट का 24 फीसद हिस्सा खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार से अनपढ़ का दाग मिटने के लिए सरकार अहद लिए है। कहा कि अगर कोई प्राइवेट सेक्टर के यूनिवर्सिटी क़ायम करना चाहता है तो रियासती हुकूमत उसे हर मुमकिन मदद करेगी।