बी जे पी राज्य सभा लीडर अरूण जेटली ने कहा कि आर्टीकल 370 का सेकूलरिज्म से कोई ताल्लुक़ नहीं है। सियासी पार्टियों ने इस मौज़ू पर शदीद रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया है।
हिंदुस्तानी शहरियों के ख़िलाफ़ ये आर्टीकल एक आला कार की हैसियत रखता है। जेटली ने मिसाल देते हुए कहा कि तक़सीम के वक़्त पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में सुकूनत इख़तियार करने वाले तारकीन-ए-वतन को शहरी मौक़िफ़ नहीं दिया जा सकता और उन्हें रियासत में क़ियाम का हक़ नहीं है।
आर्टीकल 35A के बाइस सदर जम्हूरिया हिंद ने इस अहकाम की तसदीक़ की थी आर्टीकल 370(1D) के दफ़आत को क़ानूनी मौक़िफ़ नहीं दिया था। एक तवील अर्सा के बाद आर्टीकल 370 पर मुल्क भर में संजीदा बहस होरहे हैं। इस मसला पर सेकूलर और ग़ैर सेकूलर इमतियाज़ पैदा किया जा रहा है।
लिहाज़ा आर्टीकल 370 का सेकूलरिज्म से कोई वास्ता नहीं है। तारकीन-ए-वतन दीगर हिंदुस्तानी शहरियों की तरह पूरे इख़्तयारात से फ़ायदा कररहे हैं और वो क़ौमी इंतिख़ाबात में भी हिस्सा लेते हैं। हिंदुस्तान के किसी भी हिस्सा में जायदादें ख़रीद रहे हैं।