ओसाका: जीडीपी प्रेरित आंकड़ों के आधार उत्साहित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि तेजी से आर्थिक विकास की इस गति को बनाए रखने के लिए सुधारों के एजेंडे पर अग्रसर रहते हुए भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद की जाएगी। उन्होंने ओसाका विश्वविद्यालय में व्याख्यान देते हुए कहा कि अगले कुछ दहों में भारत की पूरी ताकत को समझने के लिए आवश्यक है कि आर्थिक विकास की इस यात्रा में तेजी लाई जाए।
जहां तक गरीबी उन्मूलन का संबंध है विकास की उच्च स्तरीय गति के द्वारा ही हम बेहतर कर सकते हैं। वैश्विक स्तर पर असमर्थित स्थिति की परवाह किए बिना भारत ने जनवरी-मार्च स्टेटमेंट में 7.9 प्रतिशत जीडीपी विकास दर्ज की है। सरकार अनुकूल विकास नीतियों के कारण वित्त वर्ष 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 7.6 प्रतिशत रही। अरुण जेटली ने कहा कि भारत दुनिया भर में तेजी से बढ़ावा निकाला अर्थव्यवस्था का यह सम्मान बनाए रखेगा।
अगर हम ऐसा करते हैं तभी एक ऐसा समाज निर्माण पाएगा उभरती अर्थव्यवस्था से हम अधिक विकसित अर्थव्यवस्था की दिशा बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि अधिक ऐसे सुधार हैं जिन पर अगले कुछ वर्षों के दौरान किया जाएगा। वैश्विक आर्थिक मंदी और दो साल खराब मानसून के बावजूद हम ऐसे हालात पैदा किए जहां भारत की विकास दर दुनिया भर में सबसे अधिक है। भविष्य को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह बात विश्वास से नहीं कहा जा सकता है कि विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति अनुकूल होंगे लेकिन भारत में इस साल अच्छी बारिश की पेश क़ियासी की जा रही है और इससे अर्थव्यवस्था को अज़सुद बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने इस विश्वास व्यक्त किया कि सुधार की यह प्रक्रिया जारी रहेगा। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता में मदद की। यही नहीं, अंतर्देशीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशक अब भारत में निवेश के संबंध में अधिक विश्वास कर रहे हैं। अरुण जेटली इस समय जापान के छह दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर काफी उत्साह देखने को मिला। विभिन्न पेंशन और सुरक्षा निधि के अलावा निवेशक भी भारत को अपने गंतव्य कल्पना करने में गंभीर हैं।
हम उन्हें काफी बेहतर रेटरनस की पेशकश कर रहे हैं। बाद इन लोगों की वजह अंतर्देशीय मांग बढ़ रही है। अरुण जेटली ने कहा कि तेजी से विकास और अधिक विकसित अर्थव्यवस्था से भारत को सामाजिक असमानता के अंत में मदद मिलेगी जो अब भी यहां मौजूद हैं और अंततः हम दुनिया भर के सामने यह साबित कर सकते हैं। एक ऐसे देश में जो ऐतिहासिक गरीबी का शिकार रहा, लोकतंत्र और आर्थिक विकास दोनों मौजूद हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च विकास दर के लिए घरेलू विभाग को जो गति एक मूल्य धीमी है। इसमें तेजी लाई जानी चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था 4 से 5 प्रतिशत की विकास दर से बढ़ना शुरू हो तो ऐसे में भारत की विकास दर 9 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। लेकिन आज हम एक ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जहां विश्व अर्थव्यवस्था की गति 3.9 प्रतिशत है। इसलिए वैश्विक मंदी के माहौल में जहां हालात असमर्थित हूँ, अत्यंत उच्च विकास दर को बनाए रखना बेहद मुश्किल है। यह इसलिए मुश्किल है क्योंकि दुनिया भर में अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है। व्यापार स्कड़ना शुरू हो चुकी है। कोई भी देश अपनी अर्थव्यवस्था के बारे में नहीं कह सकता कि वह उसे पीड़ित नहीं। जापान और यूरोप भी इसके प्रभाव महसूस किए हैं।