आर्थिक सुधार नहीं, सिर्फ़ बयानबाजी किया है P M मोदी – बॉब क्रोकर

माना जा रहा था कि जिस आदमी को अमेरिका ने कानून का हवाला देकर आने से रोक दिया था, लेकिन भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद खूब गर्मजोशी से स्वागत किया था, उनकी दूसरी यात्रा के मौके पर भी वही गर्मजोशी दिखाएगा।

लेकिन ऐसा सुना जा रहा है कि मोदी की यात्रा से महज दो हफ्ते पहले कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) में मोदी की आलोचना हो रही है। मोदी की यह आलोचना बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता, लैंगिंक हिसा, मानव तस्करी और गुलामी के बढ़ते मामलों को लेकर की जा रही है।

अमेरिकी संसद की विदेश संबंध समिती ने जब मोदी की यात्रा से पहले ‘अमेरिका-भारत संबंध प्रगति, संतुलन और उम्मीदों के प्रबंधन’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की तो समिति के रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष बॉब क्रोकर ने ‘क्रूरता से ईमानदार’ होने का फैसला किया।

क्रोकर ने भारत को दुनिया के सबसे ज्यादा गुलाम वाले देश होने पर निराशा जताई और कहा कि भारत इस स्थिति को दूर करने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा, “कैसे कोई 1.2 से 1.4 करोड़ गुलामों वाला देश हो सकता है?”

250 साल के गुलामी के इतिहास वाले देश के सांसद ने भारत के बारे में कहा, “क्या उनके अभियोजन पक्ष की क्षमता शून्य है, क्या उनकी कानून प्र्वत्तन एजेंसियां शून्य है। मेरा मतलब है कि यह कैसे संभव है? वो भी उस पैमाने पर, यह बहुत अविश्वसनीय है।”