आर एस एस का दाअश से तक़ाबुल ग़ैर-मुनासिब

हैदराबाद 05 नवंबर: आर एस एस के सीनीयर कारकुन ने कहा कि हिन्दुस्तान में किसी भी इंतिहापसंदी के नज़रिये को मुस्तर्द किया जाएगा। राष्ट्रीय सीवीम सेवक सिंह (आर एस एस) का दहश्तगर्द तंज़ीम दौलत इस्लामीया (दाअश) से तक़ाबुल ग़ैर-मुनासिब है।

अगर आप कहते हैंके दाश की ज़हनीयत और आर एस एस की ज़हनीयत में यकसानियत पाई जाती है तो हमारा इस जमहूरी मुल्क में वजूद ही नहीं होता। हिन्दुस्तान एक एसा मुल्क है जहां इंतिहापसंदी के नज़रिये को मुस्तर्द कर दिया जाएगा।

आर एस एस के तेलंगाना स्टेट सेक्रेटरी चन्द्रशेखर ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान में इंतिहापसंदी के नज़रिये को हरगिज़ बका हासिल नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि आर एस एस हिन्दुस्तान के इक़दार जैसे सारी दुनिया एक कुम्बा है पर ईक़ान रखते हुए आगे बढ़ रही है। आर एस एस को कसरत में वहदत पर यक़ीन है। आर एस एस का दाअश से तक़ाबुल करना ग़ैर मुनासिब है क्युंकि दाअश हज़ारों अफ़राद की हलाकत की ज़िम्मेदार है और वो यहां एक तक़रीब के बाद अख़बारी नुमाइंदों से बात कर रहे थे।

उन्होंने अदम रवादारी के मसले पर मुसन्निफ़ीन की तरफ से एवार्ड्स की वापसी के बारे में कहा कि बाज़ दानिशवरों ने मिलकर ये मन्सूबा बनाया है। उनकी ये हरकतें इस मुल्क के विक़ार को नुक़्सान पहुंचा सकती हैं। वो सारी दुनिया को एक ग़लत पयाम देना चाहते हैं कि इस मुल्क में एसा कुछ ख़राब हो रहा है जो उनके लिए ठीक नहीं है। दानिशवरों के लिए मुनासिब नहीं हैके वो हमारे बैन-उल-अक़वामी मयार और क़द को घटाऐं और अदम रवादारी के नाम पर मुल्क को बदनाम किया जाये।