आर एस एस का फैलाया हुआ फ़िर्कावाराना ज़हर गांधी जी के क़त्ल की बुनियाद

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी और बी जे पी पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो सरदार पटेल की विरासत पर नाजायज़ क़बज़ा करने की कोशिश कररहे हैं। जो कांग्रेस की मिल्कियत है। पार्टी ने सरदार पटेल के मसले पर मोदी पर एक ऐसे वक़्त तन्क़ीद की जबकि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह अहमदाबाद की एक तक़रीब में नरेंद्र मोदी के साथ शहि नशीन में शिरकत करेंगे।

ये तक़रीब एक म्यूज़ीयम के इफ़्तिताह की है जिसे हिन्दुस्तान के अव्वलीन वज़ीर-ए-दाख़िला और मुजाहिद आज़ादी पटेल से मंसूब किया गया है। मर्कज़ी वज़ीर मनीष तीवारी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि गुज़िशता चंद माह से बी जे पी सरदार पटेल के विरसा-ए-पर गै़रक़ानूनी क़बज़ा करने की कोशिश कर रही है। इस हक़ीक़त की तारीख़ शाहिद है कि इन (मोदी और बी जे पी ) का इस तारीख़ी विरसे से कोई ताल्लुक़ नहीं है लेकिन वो इस पर गै़रक़ानूनी क़बज़ा करने कोशां है।

उन्होंने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर गुजरात को इनका मश्वरा है की उन्हें पहले इस विरासत का मुताला करना चाहिए जिस पर वो नाजायज़ क़बज़ा करने की कोशिश कररहे हैं। 9 सितंबर 1948 को मुल्क‌ के इस दौर के वज़ीर-ए-दाख़िला सरदार पटेल ने आर ऐस एस के बानी ऐम ऐस गोलवारकर को एक मकतूब रवाना करते हुए उन से कहा था कि फ़िर्क़ावाराना ज़हर का क़तई नतीजा मुल्क ने देख लिया इस के नतीजे में महात्मा गांधी की जान ले ली गई।

सरदार पटेल इस फ़िर्कावाराना ज़हर का हवाला दे रहे थे जो आर ऐस एस की जानिब से जिस के सरबराह उस वक़्त गोलवारकर थे ,फैलाया गया था।मनीष तीवारी ने सवाल किया कि क्या स्वयम् सेवक मोदी पटेल के इन नज़रियात से मुत्तफ़िक़ हैं या फिर आर ऐस एस के नज़रियात की ताईद करते हैं। उन्हें किस विरासत की ख़ाहिश है। बी जे पी ने अक्सर कांग्रेस पर इल्ज़ाम आइद किया कि नहर-ओ- गांधी ख़ानदान को फ़रोग़ देने के सिलसिले में इस ने पटेल की विरासत को नज़रअंदाज किया है।

मोदी ने कई बार यू पी ए पर तन्क़ीद की है कि वो दहशतगर्दी और पाकिस्तान के साथ निमटने में कमज़ोर रद्द-ए-अमल का मुज़ाहरा कररहा है। मोदी ने मर्द आहन पटेल के बुलंद तरीन मुजस्समे की गुजरात में तंसीब के लिए मुल्क गीर सतह से काश्तकारों से लोहे के टुकड़े हासिल किए हैं।

बी जे पी के इस इक़दाम पर तन्क़ीद करते हुए कांग्रेस के मोतमिद उमूमी दिग्विजय‌ सिंह ने कहा कि अब बी जे पी पटेल को अपनी मिसाली शख़्सियत के तौर पर पेश करना चाहती है। जिन्होंने गांधी जी के क़तल के बाद आर ऐस एस पर इमतिना आइद कर दिया था । बी जे पी ने पहले राम मंदिर तामीर करने का वाअदा किया और इस के लिए चंदे जमा किए लेकिन मंदिर तामीर नहीं किया गया ।

पहले उन्होंने ईंटें बेचें और अब लोहा बेच रहे हैं। मनीष तीवारी ने कहा कि पटेल के विरसे पर कोई तनाज़ा नहीं है। ये मुस्लिमा हक़ीक़त है कि वो कांग्रेस के लीडर थे। पटेल को यक़ीन था कि आर एस एस ने जो फ़िर्कावाराना ज़हर सियासी और समाजी ज़िंदगी में घोला था उसी की वजह से गांधी जी का क़त्ल हुआ था।