आर एस एस के इजलास में शिरकत पर एतराज़ मुस्तरद

पुणे: मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने आज अपोज़िशन के इस इल्ज़ाम को मुस्तरद कर दिया कि आर एस एस हुकूमत चला रही है और कहा कि वो और वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ज़ाफ़रानी तंज़ीम के सीवम सेवक (रज़ाकार) हैं जिस पर किसी को एतराज़ नहीं होना चाहिए।

वज़ीर-ए-दाख़िला ने यहां एक तक़रीब के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए ये एतराफ़ किया कि वो और वज़ीर-ए-आज़म आर एस एसके कट्टर नज़रियाती हामी हैं लेकिन इन्होंने इस आरा को मुस्तरद कर दिया कि आर एस एस मोदी हुकूमत का रीमोट कंट्रोल बन गई है।

जिसमें कोई सच्चाई नहीं है और ये इल्ज़ाम बे-बुनियाद है। वज़ीर-ए-दाख़िला ने इस इल्ज़ाम की तरदीद की कि आर एस एस लीडरों के साथ इजलास में शरीक हो कर मर्कज़ी वुज़रा ने हलफ़ राज़दारी की ख़िलाफ़वरज़ी की है। इन्होंने कहा कि इजलास में शरीक हो कर हमने कोई अह्द नहीं तोड़ा है और ना ही राज़दारी के हलफ़ की ख़िलाफ़वरज़ी की है।

वाज़िह रहे कि आर एस एस और बी जे पी के 3 रोज़ा राबिता इजलास में सीनियर वुज़रा और सिंह परिवार के कारकुन बिशमोल मोहन भगवत के साथ दू-ब-दू मुलाक़ात की थी और इजलास के आख़िरी दिन वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी भी शरीक हो गए थे जिस पर कांग्रेस ने एतराज़ करते हुए इल्ज़ाम आइद किया था कि नरेंद्र मोदी हुकूमत को आर एस एस रीमोट कंट्रोल की तरह चला रही है।