चेन्नई के कोरुककुपेट की कोक्रेन बेसिन रोड पर पार्टी केडर के लोगो की भीड़ है। ट्रैफिक धीरे-धीरे चल रहा है और एक ऑटो रिक्शा सड़क के बीच रुक जाता है। एक लड़का सड़क से गुज़र रहा था जब उसे ऑटो मे बैठे आदमी ने उसे अपने पास बुलाया और इन सब गतिविधियों को हम दूर से देख रहे थे।
ऑटो मे बैठे आदमी ने उस बच्चे से कुछ पूछा और उसके बाद उसे कुछ नकद रुपये पकड़ा दिए। हमने उस लड़के से पूछा की उस ऑटो वाले आदमी ने तुम्हे क्या दिया? उसने जवाब दिया,” उसने मुझे नकद रुपये दिए हैं। क्यों ? हमने पूछा।” उसने पूछा की तुम किस पार्टी का समर्थन करते हो और मैंने उसे दो पत्तो का निशान दिखा दिया। तब उसने मुझे 40 रुपये दे दिए।”
यह बोल कर वो लड़का भाग गया और डॉ राधाकृष्णन नगर निर्वाचन क्षेत्र की तंग गलियों में लोगो की भीड़ मे शामिल हो गया ।
हमने ऐसी 2 घटनाये अपने सामने देखी है और सोशल मीडिया पर ऐसी बहुत सारी घटनाये और दिखाई जा रही है ।
निवासियों के लिए ऐसा लगता है कि चुनाव प्रचार उनके जीवन का एक हिस्सा बन गया है। इस जगह पर अब हमेशा राजनीतिज्ञों (दोनों स्थानीय और दूसरे राज्यों के नेताओ) की भीड़ रहती है जो सचमुच शिविर और समूहों में सड़कों के चारों ओर घूमते रहते हैं।
अगर हम आंबेडकर नगर की ओर जाए तो वहां के निवासियों का कहना है की उन्होंने सुना है की वहां नकद रुपये बांटे जाते हैं। लोगो ने कहा की उन्होंने कभी देखा नहीं है परन्तु सुना है। तभी भीड़ मे शामिल एक आदमी ने बताया की ” नकद रुपये सुबह 4 बजे और आधी रात को बांटे जाते हैं । लोग देर रात तक जागने की कोशिश करते हैं ताकि वे इस अवसर को खो न बैठे।
स्रोत : द हिन्दू