आर बी आई मज़ीद इस्लाहात का ख़ाहां

मुंबई । 28 । जनवरी (पी टी आई) रिज़र्व बैंक औफ़ इंडिया ने आज कहा कि हालिया इस्लाहात ने मईशत केलिए फ़ौरी तौर पर जोखिम को घटा दिया है लेकिन सरमायाकार के एतिमाद की बहाली केलिए मज़ीद इक़दामात की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

मईशत में मालीयाती और बैरूनी अदम तवाज़ुन के ताल्लुक़ से फ़िक्रमंदी की निशानदेही करते हुए फ़ाज़िल बैंक ने कहा कि मज़ीद इस्लाहात दरकार हैं । बिलख़सूस रोड और पावर सेक्टर्स में, ताकि सरमायाकारी में दरपेश रुकावटों को ख़त्म किया जा सके।

इस्लाहात के ताज़ा दौर ने जिस की शुरूआत कुछ वक़फे के बाद सितंबर 2012 में हुई, इस से हिंदूस्तानी मईशत को दरपेश बड़े जोखिम में कमी वाक़्य हुई हैं। मजमूई तौर पर यही ज़ाहिर होता है कि इस्लाही इक़दामात से अब तक मदद मिली है लेकिन एतिमाद की बहाली केलिए मज़ीद कार्रवाई की ज़रूरत है, आर बी आई ने मेक्रो इकनॉमिक एंड मानीटरी डेवलपमंट के अपने तीसरे सहि माही जायज़ा में ये बात कही ।