नई दिल्ली
वज़ीर रेलवे सुरेश प्रभु ने आज हिक्मत पर मबनी हिंद-अमरीकी मआशी ताल्लुक़ात की पुरज़ोर वकालत की है और कहा कि ये इक़दाम ना सिर्फ़ दोनों ममालिक के मुफ़ादात में होगा बल्कि इलाक़ाई और आलमी अमन के क़ियाम में मुआविन साबित होगा। वो आज हिंद। अमरीका 2015 शराकतदार बराए अमन-ओ-ख़ुशहाली के ज़ेर-ए-उनवान एक सेमीनार से मुख़ातिब थे।
अमन की ज़रूरत को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि अमन के बगै़र ख़ुशहाली मुम्किन नहीं है। वज़ीर रेलवे ने कहा कि दुनिया के किसी भी इलाक़े में अमन क़ायम नहीं होगा तो सरमायाकारी भी नहीं की जाएगी जिस के बगै़र ख़ुशहाली का इमकान मादूम होजाएगा।
उन्होंने कहा कि मआशी तरक़्क़ी के लिए क़ियाम अमन नागुज़ीर है जिस के पेशे नज़र हिन्दुस्तान और अमरीका को मुत्तहिद होकर आलमी अमन और इलाक़ाई अमन के लिए राहें तलाश करनी चाहिए।