हैदराबाद । 2 जनवरी (सियासत न्यूज़) आलमी उर्दू एडीटरस कान्फ़्रैंस के मंदूबीन का एक वफ़द आज दफ़्तर सियासत में मुख़्तलिफ़ सरगर्मीयों का अमली मुशाहिदा किया। इस मौक़ा पर महबूब हुसैन जिगर हाल में मुनाक़िदा पर्सनालिटी डीवलपमेनट क्लासेस को मुख़ातब करते हुए पाकिस्तान के मेहमान ए आर वाई ग्रुप ऐडीटर मिस्टर महमूद शाम ने कहाकि मुझे यहां आकर बड़ी मुसर्रत महसूस होरही है।
अख़बार सियासत एक अख़बार नहीं बल्कि तहरीक है। इस मौक़ा पर अंग्रेज़ी लब-ओ-लहजा और शख़्सियत साज़ी के ताल्लुक़ से कहाकि अंग्रेज़ी बैन-उल-अक़वामी राबिता की ज़बान है और ये मुक़ाबला जाती इमतिहान के काम आरही है। बर्र-ए-सग़ीर हिंदूस्तान, पाकिस्तान की नौजवान नसल, अमरीका, यूरोप का रुख कररही है और यहां बुज़ुर्ग ही बुज़ुर्ग नज़र आते हैं। उन्हों ने सख़्त मेहनत का मश्वरा देते हुए कहाकि मेहनत कामयाबी की ज़ामिन होती है और तरक़्क़ी की मंज़िलें तै की जा सकती हैं।
उन्हों ने सियासत की काविशों की सताइश की। जनाब वसीम उल-हक़ ऐडीटर अख़बार मशरिक़ कोलकता ने इस मौक़ा पर तलबा को मुख़ातब करते हुए कहाकि सियासत की ख़िदमात को एक सायादार दरख़्त से ताबीर किया और कहाकि ये तनावर दरख़्त है जिस से कई शाख़ें निकलती हैं। ये अख़बार नहीं बल्कि उस की दीगर सरगर्मीयों को देख कर हम उन की ख़िदमात को ख़िराज-ए-तहिसीन पेश करते हैं।
उन्हों ने तलबा पर ज़ोर दिया कि वो मुकम्मल तौर पर तैय्यार रहे और आज एक फुट फ़र्द ही सही मुक़ाम पा सकता है। इस मौक़ा पर जनाब ज़हीरउद्दीन अली ख़ां मनीजिंग ऐडीटर सियासत ने वफ़द को बताया कि इस इदारा के तेहत एक तालिबा ने देढ़ लाख रुपय पुरकशिश तनख़्वाह पर मुलाज़मतहासिल की।
पाकिस्तान के अख़बार जंग के सुहेल वराइच ने इस मौक़ा पर इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहाकि ऐसा माहौल या ऐसा समाजी काम पाकिस्तान में भी नहीं होरहा है जिस का हम यहां अमली मुशाहिदा कररहे हैं। शख़्सियत की तामीर साज़ी रोशन मुस्तक़बिल कीज़ामिन होती है। बच्चे मलिक के मुस्तक़बिल के शहरी होते हैं और उन का मुस्तक़बिल ताबनाक होगा तो मलिक का मुस्तक़बिल भी रोशन होगा।
हमारे मुल्क में भी एकेडेमी में बाक़ायदा काम होरहा है लेकिन यहां सियासत के तहत जो काम होरहे हैं वो लायक़ सदसताइश हैं। वहां की सियासत अलग है यहां सियासत नाम है लेकिन काम सारे फ़लाही हैं।
इस मौक़ा पर जनाब एहसान उद्दीन अनस ने जो कॉरपोरेट ट्रेनी है और हर इतवार को अंग्रेज़ी लब-ओ-लहजा और शख़्सियत साज़ी की क्लासेस चलाते हैं, तफ़सीलात बताते हुए तलबा के अमली मुशाहिदे पेश किए जिस के मेहमानान ने सताइश की। मुहम्मद हामिद ने शुक्रिया अदा किया।