ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में आज तरक़्क़ी याफ़्ता और तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक के ग्रुप G-20 के वुज़राए ख़ज़ाना और मर्कज़ी बैंकों के सरब्राहान का इजलास शुरू हुआ। दो रोज़ा इस इजलास का मक़सद आलमी तरक़्क़ी के लिए एक हक़ीक़ी और काबिले अमल फ्रेमवर्क तैयार करना है जिस की कारकर्दगी में शफ़्फ़ाफ़ियत को यक़ीनी बनाया जा सके।
ऑस्ट्रेलिया जोकि G-20 का मेज़बान है इस ने वुज़रा से मुतालिबा किया है कि वो काबिले अमल मंसूबे को हासिल करने के लिए यक़ीनी इक़दामात करें ताकि आलमी सतह पर ममालिक की मईशत को मुस्तहकम किया जा सके क्युंकि मआशी बोहरान की वजह से कई ममालिक की मईशत काफ़ी मुतास्सिर हुई है। दरीं अस्ना इस दो रोज़ा अहम इजलास के लिए सख़्त हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात किए गए हैं।
2006 में ऑस्ट्रेलिया में मुनाक़िदा G-20 के वुज़रा के गुज़िश्ता इजलास के मौक़ा पर मैलबोर्न में हज़ारहा मुज़ाहिरीन की तरफ़ से ज़बरदस्त एहतेजाज देखने में आया था। इस मर्तबा सिडनी में एहतेजाज की सूरते हाल 8 साल पहले के मुक़ाबले में बिलकुल मुख़्तलिफ़ है।
ताहम सब से तरक़्क़ी याफ़्ता मुल्कों के मर्कज़ी बैंकों को भी ये आदत अपनानी होगी कि वो अपनी मालीयाती पॉलिसी में तबदीली से ग्रुप के रुक्न दूसरे मुल्कों को अच्छी तरह आगाह करें। जीवहाकी के मुताबिक़ ये नोटिस बहुत बेहतर और क़ब्ल अज़ वक़्त होना चाहिए ताकि उभरती हुई मईशतों की मंडीयों में ऐसी तबदीलीयां ग़ैर मामूली उतार चढ़ाव की वजह ना बनें।