आलमी ताक़तें शाम में जंगी कार्यवाईयां रोकने पर मुत्तफ़िक़

आलमी ताक़तों ने शाम में जंगी कार्यवाईयां रोकने और महसूर शहरों और कस्बों में इन्सानी इमदाद बहम पहुंचाने से इत्तिफ़ाक़ किया है मगर वो मुकम्मल जंग बिंदी या रूस की फ़िज़ाई बमबारी रुकवाने में नाकाम रही हैं।

जर्मन शहर म्यूनख़ में शाम राबिता ग्रुप में शामिल सतरह ममालिक ने जंग ज़दा मुल्क के मुतहारिब फ़रीक़ों में अमन मुज़ाकरात की बहाली के हवाले से कई घंटे तक ग़ौर किया है। अमरीका और रूस समेत उन ममालिक ने एक मर्तबा फिर शराइत पूरी होने की सूरत में शाम में सियासी इंतिक़ाल इक़्तेदार के अज़म का इआदा किया है।

अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा जॉन कैरी ने म्यूनख़ इजलास के बाद न्यूज़ कान्फ़्रैंस में कहा है कि अभी सिर्फ काग़ज़ की हद तक वाअदे किए गए हैं। हमें तो आइंदा चंद रोज़ में बरसरे ज़मीन इक़दामात दरकार हैं। सियासी इंतिक़ाल इक़्तेदार के बग़ैर अमन का हुसूल मुम्किन नहीं होगा।

इस मौक़ा पर रूसी वज़ीरे ख़ारजा सर्गई लारोफ़ ने कहा कि उनका मुल्क शाम में फ़िज़ाई हमले बंद नहीं करेगा और जंगी कार्यवाईयां रोकने का इतलाक़ दाइश और अलक़ायदा से वाबस्ता ग्रुप अलनसरा महाज़ पर नहीं होता है। इसलिए हमारी फ़िज़ाई फ़ोर्सेस उन तन्ज़ीमों के ख़िलाफ़ कार्रवाई जारी रखेंगी।