आलमी मसाइल पर इब्सा चोटी कान्फ़्रैंस का ताक़तवर पैग़ाम मुत वक़्क़े

प्रीटोरिया 18 अक्टूबर ( पी टी आई ) आलमी मआशी और सयासी सूरत-ए-हाल में इंतिशार के पेशे नज़र हिंदूस्तान ब्राज़ील और जुनूबी अफ़्रीक़ा तवक़्क़ो है कि तआवुन का एक ताक़तवर पैग़ाम देंगे ।

ताकि उन की यकसूई मुम्किन हो सके। सहि फ्रीकी चोटी कान्फ़्रैंस में वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह भी कल से शिरकत कर रहे हैं ।

तीनों ममालिक के अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में हालिया राय दही के मौक़ा पर शाम के बारे में मुशतर्का मौक़िफ़ इख़तियार करने के पस-ए-मंज़र में तीनों ममालिक तवक़्क़ो है कि इन तरीक़ों पर तबादला-ए-ख़्याल करेंगे जिन के ज़रीया बड़े आलमी मसाइल जैसे आलिम अरब की सूरत-ए-हाल और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की इस्लाहात के इलावा बहरी क़ज़्ज़ाक़ी और अफ़्ग़ानिस्तान के पस-ए-मंज़र में दहश्तगर्दी भी शामिल होंगे ।

मनमोहन सिंह पांचवें हिंदूस्तान । ब्राज़ील । जुनूबी अफ़्रीक़ा चोटी कान्फ़्रैंस में शिरकत केलिए आज यहां पहुंच गए । वो सदर ब्राज़ील डलमा रोज़फ़ और सदर जुनूबी अफ़्रीक़ा जैकब ज़ूमा से मुतलातिम आलमी मईशत और मआशी मंज़र नामा पर तबादला-ए-ख़्याल करेंगे । वज़ीर-ए-आज़म ने आलमी मईशत और मआशी सूरत-ए-हाल को एक अहम मसला क़रार दिया है । उन्हों ने कहा कि ये एक तशवीशनाक मसला है ।

तीनों ममालिक तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक है और आलमी मआशी इन्हितात से तीनों ममालिक का मुतास्सिर होना लाज़िमी है। वज़ीर-ए-आज़म ने अपने इस ब्यान का इआदा किया कि आलमी और इलाक़ाई माहौल हिंदूस्तानी मआशी तरक़्क़ी केलिए बहुत एहमीयत रखता है ।

इस पस-ए-मंज़र में उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान ब्राज़ील और जुनूबी अफ़्रीक़ा जो अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल के ग़ैर मुस्तक़बिल रुकन है । हाल ही में शाम के ख़िलाफ़ तहदीदात आइद करने के बारे में क़रारदाद पर राय दही से ग़ैर हाज़िर रह चुके हैं ।

मग़रिबी हिमायत याफ़ता क़रारदाद बराए शाम मंज़ूर नहीं होसकी। क्योंकि रूस और चीन में इस के ख़िलाफ़ वोट दिया था। बादअज़ां तीनों ममालिक के नुमाइंदों ने भी शाम का दौरा कर के सदर बशारलासद से मुलाक़ात की थी और उन पर ज़ोर दिया था कि वो बातचीत के ज़रीया मसाइल की यकसूई कर लीं ।

इब्सा तंज़ीम के तीनों रुकन ममालिक जदीद कारी केलिए एक पैग़ाम पहले ही दे चुके हैं । मौजूदा चोटी कान्फ़्रैंस से तीनों ममालिक की आवाज़ से मज़ीद वज़न पैदा होगा। तीनों ममालिक के क़ाइदीन जो दुनिया के तेज़ तरीन मआशी एतबार से फ़रोग़ पज़ीर ममालिक हैं इन तरीक़ों पर भी तबादला-ए-ख़्याल करेंगे ।

जिन के ज़रीया तीनों ममालिक के दरमयान तिजारत को फ़रोग़ दिया जा सकता है । ताकि ये ममालिक मआशी इंतिशार और तग़य्युर पज़ीर सूरत-ए-हाल के असरात से महफ़ूज़ रह सकें । जिस में तरक़्क़ी याफ़ता दुनिया को बुरी तरह मुतास्सिर कर रखा है ।वज़ीर-ए-आज़म ने कहाकि तीनों ममालिक की कोशिश है कि हर मसला पर हम आहंगी के साथ मुशतर्का मौक़िफ़ इख़तियार किया जाय ।

तीनों ममालिक के दरमयान तिजारत पहले ही 15अरब अमरीकी डालर का निशाना पार करचुकी है और आइन्दा दोता तीन साल में 25 अरब अमरीकी डालर होजाने का इमकान है । इब्सा के मूसिर तंज़ीम होने का बारे में सवाल का जवाब देते हुए क्योंकि जुनूबी अफ़्रीक़ा ब्राज़ील । रूस , हिंदूस्तान , चीन ( बर्क) तंज़ीम में शामिल हो चुका है । उन्हों ने कहा कि दोनों तंज़ीमें अपनी अपनी जगह एहमीयत रखती है । चोटी कान्फ़्रैंस में ज़ेर-ए-ग़ौर दीगर अहम मसाइल में दहश्तगर्दी बहरी क़ज़्ज़ाक़ी और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती कौंसल में इस्लाहात हैं।