आलमी मार्च रोकने इसराईल की धमकी मुस्तर्द

( मुहम्मद मुबश्शिर अली उद्दीन ख़ुर्रम ) आलमी मार्च बराए येरूशलम को रोकने इसराईल की धमकी पर इस मार्च में शामिल मुख़्तलिफ़ ममालिक के वफ़ूद और नुमाइंदों ने शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है और कहा कि ये अमन का क़ाफ़िला है और इसे रोकने का सवाल ही पैदा नहीं होता । इन नुमाइंदों ने कहा कि इसराईल की धमकी से आलमी मार्च में शामिल अफ़राद के हौसले मज़ीद बुलंद हुए हैं।

फीरोज़ मीठी बोर वाला आलमी मार्च बराए येरूशलम के एग्जीक़्यूटिव रुकन ने कहा कि ये रद्द-ए-अमल गैर मुतवक़्क़े नहीं है । सीहोनी ममलकत से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है । इसके बाद दुनिया के अवाम को चाहीए कि अपने रद्द-ए-अमल का इज़हार करें और इसराईल की धमकी के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद का आग़ाज़ करें। ये मार्च बहरसूरत येरूशलम पहूंचेगा । इरानी वफ़द के इंचार्ज सलीम गफूरी ने कहा कि इसराईल की धमकी से अंदाज़ा होता है कि मार्च बड़ी हद तक कामयाब है ।

इसराईल की धमकियों और हमलों से कोई ख़ौफ़ज़दा नहीं है । दुनिया के 64 ममालिक के लोग इसराईल का घेराव करेंगे और इसराईल की किसी भी तरह की हरकत उसे निस्त-ओ-नाबूद कर सकती है । इंडोनेशिया वफ़द के इंचार्ज मुहम्मद मारूफ़ ने कहा कि इसराईल की धमकी से साबित हो गया कि वो फ़लस्तीन की अराज़ी पर ग़ासिबाना ( लुटेरों के तरह) क़ब्ज़ा किया हुआ है ।

हुसूल मस्जिद ए अक़्सी तक मुसलसल इस मार्च का सिलसिला जारी रहेगा। कोई ताक़त इस मार्च को रोक नहीं सकती । हिंदूस्तानी वफ़द के इंचार्ज मिस्टर सुरेश खैरनार ने कहा कि इसराईल की धमकी के बाद अरब ममालिक को ग़ौर करना चाहीए कि इसराईल किस हद तक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है अब अरब ममालिक को मुत्तहदा तौर पर उठ खड़े होने की ज़रूरत है ।

उन्होंने हिंदूस्तानी अवाम से अपील की कि इसराईल की धमकी के ख़िलाफ़ मुज़ाहरा करते हुए इसराईल के मुताल्लिक़ हिंदूस्तानी अवाम की नफ़रत का इज़हार करें।