आलमी सतह पर मलेरीया से हलाक होने वालों की तादाद दुगनी होगई

लंदन 5 फरवरी (एजैंसीज़) एक नए तहक़ीक़ी मुताला में दावा किया गया है कि मलेरीया से हलाक होने वालों की तादाद दुनिया भर में पहले से दुगनी होगई है। मलेरीया की वजह से 40 फ़ीसद से ज़्यादा मरने वाले लोग बड़ी उम्र के बच्चे और बालिग़ अफ़राद हैं हालाँकि इस से पहले समझा जाता था कि ज़्यादा तर 5 साल से कमउमर के बच्चे मलेरीया से हलाक होते हैं।

इस बीमारी की वजह से 2010 में दुनिया में 1.2 मुलैय्यन अफ़राद हलाकहुए थे। आलमी इदारा-ए-सेहत की रिपोर्ट के मुताबिक़ मलेरीया से हलाक होने वालों की तादाद में 100 फ़ीसद अज़ाफ़ा हुआ है। यूनीवर्सिटी आफ़ वाशिंगटन के इंस्टीटियूट आफ़ हैल्थ मैट्रिक्स ऐंड एवालवीशन के डाक्टर क्रिस्टोफ़र मरे की क़ियादत में साईंसदानों की एक टीम ने 1980-ए-से 2010तक मलेरीया में होने वाली हलाकतों का तजज़िया किया।

इस तहक़ीक़ के नताइज लानसट मैडीकल जर्नल में शाय हुए। रिपोर्ट के मुताबिक़ अफ़्रीक़ा में 5 साल से कमउमर के बच्चों की हलाकतों में 1.3 गुना अज़ाफ़ा हुआ जबकि अफ़्रीक़ा के बाहर मजमूई तौर पर हलाकतों में 1.8 गुना अज़ाफ़ा हुआ। दुनिया भर में मलेरीया की वजह से 5 साल से ज़्यादा उम्र के 433,000 अफ़राद हलाक हुए।

डाक्टर मरे ने कहा कि वो बच्चे जो मलेरीया के मुक़ाबले की क़ुव्वत हासिल करलेते हैं कभी कुभार ही मौत का शिकार होते हैं। 2004 में मलेरीया से हलाकतें अपने उरूज पर थीं और 1.8 मुलैय्यन अफ़राद हलाक हुए थे, लेकिन 2007-ए-और 2010 के दौरान मलेरीया से हलाकतों से सालाना 7 फ़ीसद की शरह से कमी हुई।