जनाब ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा सियासत ने उर्दू अख़बारात और सहाफ़ीयों को मश्वरा दिया कि वो समाजी ख़िदमात भी अंजाम दें। चुनांचे अख़बार सियासत ने उर्दू सहाफ़त के फ़रोग़ के साथ साथ समाजी ख़िदमात को अपना मिशन बनाया है।
उन्हों ने कहा कि कोई अख़बार छोटा या बड़ा नहीं होता और ना कोई सहाफ़ी की अहमीयत छोटे अख़बार के बाइस कम होती है, इस तरह के रुजहान को ख़त्म किया जाना चाहीए।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ान कल शाम महबूब हुसैन जिगर हॉल, अहाता रोज़नामा सियासत (आबिड्स) में तेलंगाना स्टेट उर्दू जर्नलिस्ट्स एसोसीएशन के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा मुशावरती जल्सा से सदारती तक़रीर कर रहे थे।
उन्हों ने कहा कि सियासत ने दुनिया भर में एक म्यारी और बावक़ार अख़बार की हैसियत से अपना मुक़ाम बनाया है। अपने 65 साला दौर में सियासत एक दिन भी नागा नहीं रहा।
उन्हों ने कहा कि ज़हीर उद्दीन अली ख़ान और आमिर अली ख़ान उन के दस्तो बाज़ू हैं जिन की शबाना रोज़ कोशिशों के ज़रीए सियासत को एक मुस्तहकम इंतेज़ामीया और अवामी अख़बार के बनाने में मदद मिल सकी है। चुनांचे बैंगलौर और क़तर से जारी होने के बाद अमरीका में मुक़ीम उर्दू वालों का मुसलसल इसरार है कि सियासत को अमरीका से भी जारी किया जाना चाहीए।
उन्हों ने कहा कि वो तेलुगु देशम पार्टी में पोलिट ब्यूरो के रुक्न की हैसियत से पॉलिसी साज़ी और दीगर उमूर् में हिस्सा लेते रहे लेकिन जब पार्टी ने बी जे पी से मुफ़ाहमत का फ़ैसला किया तो उन्हों ने तेलुगु देशम से अपना ताल्लुक़ ख़त्म कर लिया क्योंकि वो कभी भी फ़िर्कापरस्ती से समझौता नहीं कर सकते।
उन्हें उम्मीद है कि उर्दू अख़बारात के मुतालिबात की यक्सूई होगी और हमारी नुमाइंदगियों के समर आवर नताइज बरामद होंगे। उन्हों ने इस मौक़ा पर एलान किया कि दरगाह जहांगीर के क़रीब वाक़े अराज़ी पर रियायती क़ीमत पर सहाफ़ीयों को अपने मकानात तामीर करने की सहूलत फ़राहम की जाएगी। इस के साथ साथ वो एक प्रिंटिंग प्रैस का आग़ाज़ कर रहे हैं जहां उर्दू जराइद और अख़बारात को शाय करने की सहूलत दी जाएगी।