आलमे इस्लाम को सख़्त दौर का सामना, बाहमी इत्तेहाद वक़्त का तक़ाज़ा

इस्तंबोल 16 अप्रैल: आलिमे अरब में शाम और यमन के तनाज़आत और दुसरे कई मसाइल पर दुनिया के मुख़्तलिफ़ मुस्लिम ममालिक में पैदा शूदा तल्ख़ इख़तेलाफ़ात के ख़ातमे के मक़सद से तुर्की में मुनाक़िदा दो-रोज़ा मीटिंग मेज़बान सदर रजब तुय्यब अरदगान के ख़िताब पर इख़तेताम पज़ीर हुआ।

तंज़ीम बराए इस्लामी तआवुन (ओ आई सी) के इस चोटी कांफ्रेंस में ताक़तवर सन्नी मुल्क सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अबदुलअज़ीज़ और शीया मुस्लिम मुल्क ईरान के सदर हुस्न रुहानी ने भी शिरकत की। ये दोनों ममालिक शाम और यमन में एक दूसरे के हरीफ़ ग्रुपों की ताईद कर रहे हैं लेकिन तुर्की ने इस चोटी कांफ्रेंस को आलमे इस्लाम में अपने विक़ार-ओ-एहतेराम में इज़ाफे का एक बेहतरीन मौक़ा तसव्वुर किया और इस के सदर अरदगान ने दुनिया-भर के 1.7 अरब मुसलमानों को एक दूसरे के क़रीब लाते हुए मुत्तहिद करने का मक़सद पूरा करने की कोशिश की।

सदर अरदगान ने जुमेरात को बासफ़ोरस के दो लंबा शैय महल में तर्तीब दिए गए सरकारी डिनर के मौके पर आलमी मुस्लिम क़ाइदीन से ख़िताब के दौरान आलमे इस्लाम और सारी दुनिया के मुसलमानों में इत्तेहाद के लिए अपनी अपील का इआदा किया। ये वही महल है जहां सलतनत उस्मानिया के मरहूम सलातीन, बुलक़ान से अरब तक मुस्लिम दुनिया पर हुक्मरानी किया करते थे।

इस महल के वसी-ओ-अरीज़ हाल मवाअदे सालवन में जहां माज़ी के उसमान सलातीन बैरूनी मेहमानों का इस्तिक़बाल किया करते थे, उस के वसी अपने ख़िताब में अरदगान ने ज़ोर देकर कहा: इस चोटी कांफ्रेंस में तमाम इस्लामी ममालिक से हमारी सबसे बड़ी तवक़्क़ो यही हैके दुनिया-भर के मुसलमानों को इत्तेहाद का पैग़ाम दिया जाये।

अरदगान ने कहा: हमारा मक़सद हैके सारे इस्लामी ख़ानदान को मुस्तक़बिल के लिए एक उम्मीद दी जाये। इंशाअल्लाह इस चोटी कांफ्रेंस के बाद हम सब के लिए एक नए दौर का आग़ाज़ होगा। तर्क सदर ने पुरअज़म लहजा में कहा : बिलाशुबा हम एक इंतेहाई सख़्त दूर से गुज़र रहे हैं।

हमारे आगे बहुत बड़े मसाइल हैं लेकिन हमें कभी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहीए। अरदगान ने जिनका मुल्क तुर्की आइन्दा दो साल के लिए तंज़ीम इस्लामी तआवुन की सदारत पर फ़ाइज़ हुआ है, इस कांफ्रेंस को कामयाब क़रार दिया।

इस मीटिंग के दौरान तुर्की और सऊदी अरब के बीच उभरते हुए ताक़तवर इत्तेहाद की अलामतें ज़ाहिर हुईं जब इन दोनों मुल्कों के वुज़राए ख़ारिजा ने बाहमी तआवुन को हल के क़ियाम के समझौतों पर दस्तख़त की।