आलम अरब में इत्तिहाद ज़रूरी: शाह अबदुल्लाह

रियाद, २१ दिसम्बर: (ए पी) सऊदी अरब के शाह अबदुल्लाह ने कहा है कि सऊदी अरब और इस के पड़ोसी मुल्कों के तहफ़्फ़ुज़ और सलामती को निशाना बनाया जा रहा है जिस से निमटने के लिए ख़लीजी मुल्कों को मुत्तहिद होने की ज़रूरत है।

वो सऊदी अरब के दार-उल-हकूमत रियाज़ मैं ख़लीज तआवुन कौंसल के सरबराही इजलास का इफ़्तिताही सेशन से ख़िताब कर रहे थे। इस लिए सब को अपनी ज़िम्मेदारी को समझना होगा। उन्हों ने ख़लीजी मुल्कों पर ज़ोर दिया कि उन्हें एक वजूद के ख़्याल पर ग़ौर और मिल कर चैलेंजेज़ का मुक़ाबला करना चाहिये।

उन्हों ने तजवीज़ दी कि ख़लीज तआवुन कौंसल को मशरिक़ वुसता को दरपेश नई सूरत-ए-हाल को क़बूल करना चाहिये। मशरिक़ वुसता में चलने वाली इन्क़िलाबी लहर के पस-ए-मंज़र में सऊदी अरब के शाह अबदुल्लाह ने अपनी सलतनत और सभी हमसाया अरब मुल्कों को ख़बरदार किया है कि वो अपनी सलामती और तहफ़्फ़ुज़ की तईं चौकस रहे।

इस इस्तिदलाल के साथ कि सऊदी अरब और इस के पड़ोसी मुल्कों के तहफ़्फ़ुज़ और सलामती को निशाना बनाया जा रहा है उन्हों ने ज़ोर दे कर कहा कि मुम्किना ख़तरात से निमटने केलिए ख़लीजी मुल्कों को मुत्तहिद होने की ज़रूरत है।

यहां सऊदी दार-उल-हकूमत में ख़लीज तआवुन कौंसल की सरबराह कान्फ़्रैंस के इफ़्तिताही इजलास से ख़िताब करते हुए शाह अबदुल्लाह ने ईरान का नाम लिए बगै़र वार्निंग दी कि इस में कुछ शुबा नहीं कि अरब ख़ित्ते के तहफ़्फ़ुज़ और सलामती को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्हों ने तजवीज़ पेश की कि ख़लीज तआवुन कौंसल को मशरिक़ वुसता को दरपेश नई सूरत-ए-हाल को क़बूल करना चाहिये। शाह अबदुल्लाह ने वसूक़ के साथ कहा कि सब को अपनी ज़िम्मेदारीयों को समझना होगा और इंतिहाई मरबूत तरीक़े से मुत्तहिद होकर सूचना और दरपेश आज़माईशों का सामना करना होगा।उन्हों ने ख़लीजी मुल्कों पर ज़ोर दिया कि उन्हें अलग अलग नहीं एक हो कर ग़ौर-ओ-अकऱ् से काम लेना और मिल कर चैलेंजेज़ का मुक़ाबला करना चाहीये ।

उन्हों ने मज़ीद कहा अगरचे जो ख़ित्ते के मुफ़ाद में नहीं उसे क़बूल नहीं किया जाएगा लेकिन इसी के साथ तारीख़ और तजुर्बे से सबक़ सीखते हुए हक़ायक़ कासामना करने की ज़रूरत है क्योंकि मौजूदा सूरत-ए-हाल को इसी तरह बरक़रार नहीं रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।