वाशिंगटन । 6 । सितंबर (पी टी आई) अमरीका के कैपिटल हल की एक इमारत में वाक़्य सरकरदा मुस्लिम सियोल राईट्स आर्गेनाईज़ेशन अमरीकी इस्लामी ताल्लुक़ात कौंसल की दर-ओ-दीवार पर अमरीकी सदर की एक मस्जिद में जूतों के बगै़र ठहरी हुई तस्वीर के अख़बारी तराशे को आवेज़ां किया गया है लेकिन ये बारक ओबामा की असल शख़्सियत का मज़हर नहीं है क्योंकि वो अमरीका से बाहर आलम इस्लाम से दोस्ती का राग अलापते हैं जबकि अमरीका में उन्हों ने अब तक अपने मुस्लिम शहरीयों के ताल्लुक़ से कुछ नहीं कहा है। इन के रवैयों से अमरीकी मुस्लमानों में मायूसी छाई हुई है। 11 सितंबर 2001 -ए-को अमरीका पर हमला के एक हफ़्ता के अंदर ही जॉर्ज डब्लयू बुश ने वाशिंगटन के इस्लामी सैंटर का दौरा करते हुए मुस्लमानों पर किए जाने वाले हमलों की मुख़ालिफ़त की थी और ब्रहमी ज़ाहिर करते हुए कहा था कि अमरीका को जिस दहश्तगर्दी का सामना है इस से इस्लाम का कोई ताल्लुक़ नहीं है। जॉर्ज बुश के इस बरवक़्त रद्द-ए-अमल से अमरीकी मुस्लमानों में पाए जाने वाला अदम तहफ़्फ़ुज़ का एहसास ख़तन होगया था लेकिन अब बारक ओबामा के मुस्लिम होने के बावजूद अमरीकी मुस्लमानों के साथ इन का रवैय्या मनफ़ी है। उन्हों ने अब तक इस्लामी सैंटर का दौरा नहीं किया। जॉर्ज बुश के दौरा के दौरान उन के हमराह रहने वाले कौंसल अमरीकी इस्लामी ताल्लुक़ात के डायरैक्टर नेहाद ऊद ने कहा कि जॉर्ज बुश का अमरीकी मुस्लमानों के साथ दोस्ताना रवैय्या अंदरून-ए-मलिक और सारी दुनिया में एक मुसबत असर साबित हुआ था। अमरीका पर हमला की 11 वीं बरसी के मौक़ा पर अमरीकी मुस्लमानों को अदम तहफ़्फ़ुज़ का एहसास सत्ता रहा है।हालिया सर्वे में बताया गया कि बारक ओबामा ने बैरून-ए-मुल्क अहम इस्लामी ममालिक से इबतदा-ए-में ताल्लुक़ात को बेहतर बनाया था लेकिन जब से अब तक यहां पर भी मायूसी फैली हुई है । अगर चीका अमरीकी मुस्लमानों की बड़ी तादाद ओबामा की हामी है लेकिन तक़रीबन तीन मुलैय्यन मुस्लमान ओबामा के ताल्लुक़ से मुतज़ाद रदामलज़ाहर करते हैं।
अमरीका में बेहतर रोज़गार फ़राहम करने मसाई : ओबामा
मिशीगन । 6 सितंबर (एजैंसीज़) सदर बारक ओबामा इस हफ़्ते जुमेरात को कांग्रेस के एक मुशतर्का इजलास से ख़िताब करेंगे और रोज़गार के मवाक़े पैदा करने से मुताल्लिक़ अपना मंसूबा पेश करेंगे। अमरीकी रियासत मिशीगन के शहर डेट्रॉइट में हज़ारों के मजमा से ख़िताब करते हुए सदर बारक ओबामा का कहना था कि इनफ़रास्ट्रक्चर की बेहतरी उन के रोज़गार मंसूबे में शामिल है। इन का कहना था कि वो अच्छी नौकरीयों, अच्छी तनख़्वाहों के लिए जद्द-ओ-जहद कररहे हैं, जिस के बाद मुतवस्सित तबक़ा भी बेफ़िकरी की ज़िंदगी गुज़ार सकेगा। इन का ये भी कहना था कि वो बहुत जल्द अमरीकी मईशत को अज़सर-ए-नौ बहाल करलींगे। उन्हों ने हाज़िरीन को बताया कि वो जुमेरात को कांग्रेस के मुशतर्का इजलास में अपना मुलाज़मतों का मंसूबा पेश करेंगे
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