बरेली के आला हज़रत ने हाफिज सईद को इस्लाम से किया ख़ारिज

पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुख्या और मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफ़िज़ सईद को बरेली की दरगाह आला हज़रात की संस्था मंज़र-ए-इस्लाम सौदसगान ने दीन से खारिज कर दिया है। संस्था के मुफ़्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने सईद के बारे में फतवा जारी कर कहा है कि वह अपने अक़ायद (आस्था) और विचारधारा की वजह से गुस्ताख़-ए-रसूल है। इस लिए अल्लाह और रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाला कभी मुसलमान नहीं हो सकता। कुरआन में ऐसे लोगों को इस्लाम से ख़ारिज करने का हुक्म है।

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मंज़र-ए-इस्लाम का यह फतवा जयपुर के मोहम्मद मोइनुद्दीन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में गुरुवार की शाम सामने आया है। 14012118_1438917179468216_1374656473_n
उन्होंने 12 अगस्त को चिट्ठी लिख कर पूछा था कि क्या मुम्बई हमलों का मास्टर माइंड और अल्लाह और रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाले हाफ़िज़ सईद का इस्लाम से कोई ताल्लुक है ? क्या ऐसे शख्स को मुसलमान कहा जा सकता है? इस बारे में हाफिज नूरी कहते हैं कि ऐसे शख्श की तक़रीर सुनना भी हराम है। फतवे में कहा गया है कि हाफ़िज़ सईद आतंकी विचारधारा रखने वाला ऐसा व्यक्ति है जिसकी हरकतों की वजह से पूरी दुनिया में आज इस्लाम और मुसलमान को बदनाम व शर्मशार होना पड़ रहा है। ऐसे व्यक्ति को काफिर की श्रेणी में रखना चाहिए। मुसलमान उसे ना मानें।