सारे आलम में मुस्लमान परेशानी का शिकार हैं। इस के साथ हिंदुस्तान में भी नित नए फ़ितनों के ज़रीये मुसलमानों को कमज़ोर और पस्तहिम्मत करने की कोशिशें की जा रही हैं।
नई रियासत तेलंगाना भी इंसाफ़ का क़त्ल करने वालों को आज़ाद छोड़ी हुई है। आलेर एनकाउंटर में क़ानून से बेडर होकर क़त्ल करने वाले पुलिस अहलकार पर इंसाफ़ की हुक्मरानी का दावा करने वाले बाज़पुर्स करने तैयार नहीं।
मक्का मस्जिद से मुताल्लिक़ कमीशन की रिपोर्ट को बर्फ़ दान की नज़र कर दिया गया है। इन ख़्यालात का इज़हार मुहम्मद मुश्ताक़ मलिक सदर तहरीक मुस्लिम शबान ने शबे मेराज के जलसों को मुख़ातिब करते हुए किया। आसिफ़नगर विजयनगर कॉलोनी और जामि मस्जिद अहसन उल्लाह ख़ां में बड़े जलसों को ख़िताब करते हुए सदर तहरीक ने कहा कि ज़ालिम के ज़ुलम के ख़िलाफ़ उठ खड़े होना रसूल (सल0)की तालीमात हैं।