आलेर फ़र्ज़ी एनकाउंटर से हिंदुस्तान के 20 करोड़ मुस्लमान महफूज़ नहीं

हुकूमत तेलंगाना गुजरात की राह पर है। रियासत में मुसलमानों की हिफाज़त को यक़ीनी बनाए जाने की ज़रूरत है। आलेर में 7 अप्रैल को पेश आया फ़र्ज़ी एनकाउंटर वाक़िया सिर्फ़ 5 मुस्लिम नौजवानों का मुआमला नहीं है बल्कि हिंदुस्तान के 20 करोड़ मुसलमानों में एहसास अदम तहफ़्फ़ुज़ पैदा करने का मूजिब बन रहा है।

अब्बू आसिम आज़मी सदर समाजवादी पार्टी (महाराष्ट्रा)-ओ‍रुकने असेम्बली ने आज हैदराबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्होंने 5 नौजवानों की मौत को हुकूमत की निगरानी में पुलिस के ज़रीये किया गया सफ़ाकाना क़त्ल क़रार देते हुए कहा कि तेलंगाना राष़्ट्रा समीती बी जे पी से क़ुरबत इख़तियार कररही है इसी लिए हुकूमत के ओहदेदारों पर मुआमले की ग़ैर जांबदाराना तहक़ीक़ात के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता ईसी लिए 5 अम्वात का मुक़द्दमा रियासत के बाहर महाराष्ट्रा में चलाया जाना चाहीए और इस के लिए ख़ुसूसी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नामज़द किया जाना चाहीए।

इस प्रेस कांफ्रेंस के मौके पर क़ाइद मजलिस बचाओ तहरीक अमजद उल्लाह ख़ान ख़ालिद, अबदुलक़ादिर चौधरी तर्जुमान समाजवादी पार्टी महाराष्ट्रा, जगदीश यादव रियासत सदर समाजवादी पार्टी तेलंगाना-ओ-आंध्र प्रदेश के अलावा दुसरे क़ाइदीन मौजूद थे।

अब्बू आसिम आज़मी ने बताया कि हुकूमत और पुलिस हक़ायक़ को छुपाते हुए अवाम को गुमराह करने की कोशिश कररही है। उन्होंने ब्रहमी के आलम में कहा कि जब इन्साफ़ रसानी के अमल को दुशवार कुन बनाते हुए मुल्ज़िमीन को हलाक ही किया जाना है तो एसी सूरत में अदालतों की ज़रूरत ही क्या रह जाती है? अब्बू आसिम आज़मी ने मुतालिबा किया कि तमाम 17 पुलिस अहलकारों को फ़ौरी मुअत्तल करते हुए अदालती तहक़ीक़ात का एलान किया जाये और मरहूमीन के पसमानदगान के फी कस 15 लाख रुपये के अलावा सरकारी मुलाज़मत फ़राहम करने का एलान किया जाये।

उन्हों ने बताया कि वो इन मुतालिबात के मुताल्लिक़ चीफ़ मिनिस्टर को 10 दिन की मोहलत फ़राहम करते हुए मकतूब रवाना करेंगे और 10 दिन में मुतालिबात की अदम तकमील की सूरत में हैदराबाद में महा धरना मुनाक़िद किया जाएगा जिस में इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद करनेवाली तमाम सियासी जमातों और तंज़ीमों को मदऊ किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस धरने में समाजवादी पार्टी क़ौमी क़ाइदीन को मदऊ करने के मुताल्लिक़ ग़ौर करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस जिस वाक़िये को एनकाउंटर का नाम दे रही है उनकी तसावीर का मुशाहिदा करने के बाद इस में किसी तहक़ीक़ात की ज़रूरत बाक़ी नहीं रह जाती और ये नौजवान अदालती तहवील में थे ईसी लिए मुल्क की अदालत-ए-उज़्मा को फ़ौरी तौर पर अज़खु़द कार्रवाई करनी चाहीए थी।

जगदीश यादव रियासती सदर समाजवादी पार्टी ने भी 7 अप्रैल को पेश आए आलेर एनकाउंटर वाक़िये की मज़म्मत करते हुए कहा कि सियासत से बालातर होकर इंसाफ़ पसंद तंज़ीमों-ओ-जमातों को हुकूमत के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद करनी चाहीए। इस तरह के वाक़ियात पर ख़ामोशी इख़तियार किए जाने की सूरत में पुलिस के मज़ालिम में इज़ाफ़ा होसकता है।