आवाम को तीसरे ऑप्शन की तलाश : झाविमो

झारखंड के सियासी मुस्तकबिल के लिए साल 2014 अहम है। रियासत तशकील के बाद बाबूलाल मरांडी के कियादत में सिर्फ 28 माह ही हुकूमत ने अच्छा काम किया। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस से इत्तीहाद से बनी हुकूमत ने रियासत को बेपटरी कर दिया।

ये दोनों क़ौमी पार्टी मुक़ामी पार्टियों को कठपुतली बना कर अपने इशारे पर नचाते रहे। अब मुल्क और रियासत की आवाम फैसले के मूड में है। आवाम कांग्रेस और भाजपा से परे तीसरे ऑप्शन की तलाश में है। आवाम की नजर झाविमो पर है। पार्टी तीसरे मोरचे को मजबूत करने की कोशिश जारी रखेगी। झारखंड विकास मोरचा के एसेम्बली दल के लीडर प्रदीप यादव ने इतवार को यह कहा।

झाविमो मर्कज़ी वर्किंग कमेटी की बैठक में दूसरे दिन कई सियासी तजवीज पास किये गये। बैठक के बाद सहाफ़ियों से बातचीत करते हुए मिस्टर यादव ने कहा कि पार्टी तमाम लोकसभा और एसेम्बली सीटों पर इंतिख़ाब लड़ेगी। भाजपा और कांग्रेस ने मुल्क को दो हिस्सों में बांटने का काम किया है।

आवाम का जेहन बदउनवानी, महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, नक्सलवाद से हटाने के लिए राहुल बनाम मोदी का कार्ड खेला जा रहा है। इंतिख़ाब में पार्टी इसे मुद्दा बनायेगी। रियासत में भाजपा और कांग्रेस के इक्तिदार मे बड़े-बड़े घोटाले हुए। इन दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के घोटालों को दबाने के लिए चुप्पी साध ली है। वर्किंग कमेटी की बैठक में मुखतलिफ़ जिलों से आये 1500 से ज़्यादा लीडर कारकुनों ने हिस्सा लिया।