आसनसोल हिंसा: बीजेपी सासंद बाबुल सुप्रियो के खिलाफ़ लोगों ने लगाए नारे, वापस जाने की मांग की!

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को पुलिस ने गुरुवार को आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाने से रोक दिया। इस क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा 144 लागू हो गयी। पुलिस ने बताया कि बुधवार की रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है।

भारी उद्योग और लोक उपक्रम राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया। पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की।

पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया। वह भी रानीगंज जा रही थीं. विरोधस्वरूप वह धरने पर बैठ गयीं. सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है।

मंत्री ने कहा, ‘जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं। यह मेरा कर्तव्य है। लेकिन, पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जायेगी क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है। मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता।

सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे। दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया।